टाटा ग्रुप देश भर में चार्जिंग स्टेशंस बनाएगा

नई दिल्ली- टाटा ग्रुप जल्द ही देश भर में चार्जिंग स्टेशंस बनाने का प्लान कर रहा है। अपने इस प्लान के लिए टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (TPEM) ने हाल ही में शेल इंडिया मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड (SIMPL) के साथ एक नॉन-बाइंडिंग मेमोरेंडम ऑफ अंडरटेकिंग (MoU) पर साइन किए हैं।दोनों ही कंपनियां मजबूती और रिसोर्सेज का इस्तेमाल करते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की रेंज से जुड़ी चिंता और चार्जिंग की पहुंच जैसी चुनौतियों का समाधान करेंगी। अभी रेंज और चार्जिंग की प्रॉब्लम के चलते इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लोग तेजी से अपना नहीं रहे हैं।

अभी EV गाड़ियों की कम सेल्स की एक अहम वजह चार्जिंग स्टेशंस की किल्लत है। इस पार्टनरशिप के तहत टाटा पैसेंजर और शेल इंडिया दोनों कंपनियां इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगी। दोनों कंपनियों का प्लान सहूलियत के हिसाब से पेमेंट सिस्टम्स और लॉयल्टी प्रोग्राम भी शुरू करने का है।

दोनों कंपनियां कहां बनाएंगी चार्जिंग स्टेशंस?

दोनों कंपनियों के बीच इस पार्टनरशिप से शेल के देश भर में फैले फ्यूल स्टेशन नेटवर्क और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के पास मौजूद भारतीय सड़कों पर दौड़ रही टाटा की 1.4 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिटेल्स से चार्जिंग स्टेशंस का जाल बिछाया जाएगा। टाटा कंपनी का कहना है कि जहां पर टाटा की इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मालिक बार-बार जाते हैं, वहां-वहां चार्जिंग स्टेशंस बनाए जाएंगे।

टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियों के मामले में मार्केट में 71% की हिस्सेदारी है। कंपनी ने गुरुग्राम में अपना पहला EV-एक्सक्लूसिव स्टोर पेश किया है। कंपनी ने देश के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने के लिए कई चार्ज प्वाइंट ऑपरेटरों के साथ भी काम किया है।

शेल इंडिया ग्लोबल लेवल पर एनर्जी की दिग्गज कंपनी शेल की सब्सिडियरी है। इस कंपनी के पास एनर्जी सॉल्यूशंस और इंफ्रा डेवलपमेंट में महारत हासिल है। शेल के EV रिचार्ज लोकेशन पर 98%-99% चार्जर अपटाइम के साथ अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग मिलती है।

दोनों कंपनियों के साथ आने से इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा

टाटा ग्रुप और शेल इंडिया दोनों कंपनियों के साथ आने से इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा और EV सेक्टर में रोजगार के मौके तैयार होंगे। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से कंस्ट्रक्शन, मेंटेनेंस और ऑपरेशंस में भी रोजगार के मौके तैयार होंगे, यह इससे जुड़ी इंडस्ट्रीज में इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को भी बढ़ावा देगा।इस पार्टनरशिप से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने और गाड़ियों से निकलने वाले एमिशन को कम करने के लक्ष्य को सपोर्ट भी मिलेगा।

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