
नइ दिल्ली- महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव स्थगित नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट करत़े हुए कहा कि जिन 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव घोषित किए जा चुके हैं, वे समय पर ही आयोजित किए जाएँ। हालांकि जहाँ 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन हुआ है, वहाँ के चुनाव अदालत के अंतिम आदेश के अधीन रहेंगे।
राज्य चुनाव आयोग ने खुद सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया था कि 40 नगर परिषदों और 17 नगर पंचायतों में 50% आरक्षण की सीमा पार हो गई है। इसी मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई में क्या कहा? (Supreme Court on Maharashtra Elections 2025)
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मनपा, जिल्हा परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव विलंब से नहीं होने चाहिए
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50% आरक्षण सीमा पार करने वाली स्थानीय संस्थाओं के चुनाव अदालत के आदेशाधीन
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अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी — तीन जजों की बेंच बैठेगी
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288 नगर परिषद, नगर पंचायतों के चुनाव घोषणा अनुसार ही कराएँ
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हम किसी भी चुनाव पर स्टे नहीं लगा रहे
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बांठिया आयोग की रिपोर्ट को अदालत ने कहा — “हमने भी पूरी नहीं पढ़ी, पर फिलहाल उसी को आधार मान रहे हैं”
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मनपा, जि.परिषद व पंचायत समितियों में 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं चलेगा
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सभी चुनाव अंतिम आदेश के अधीन रहेंगे
आज की सुनवाई में कौन-कौन सी बातें सामने आईं?
चुनाव आयोग की जानकारी
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40 नगर परिषद व 17 नगर पंचायतों में 50% आरक्षण सीमा पार
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2 तारीख को मतदान प्रस्तावित
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जिल्हा परिषद व महापालिका के चुनाव भी लंबित
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मतदार संघ पुनर्रचना, आरक्षण प्रभाग तय करना और मतदाता सूची — तीनों प्रक्रियाएँ पूरी
सुनवाई के दौरान हुई मुख्य बहस
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ओबीसी संगठन — बांठिया आयोग की रिपोर्ट मान्य नहीं
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मुख्य न्यायाधीश —
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“आज के लिए बांठिया आयोग को बेंचमार्क मान लेते हैं”
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“रिपोर्ट की वैधता पर बाद में विस्तार से सुनवाई होगी”
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“हम एक अंतरिम व्यवस्था बनाने पर विचार कर रहे हैं”
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याचिकाकर्ता पक्ष
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बांठिया आयोग की रिपोर्ट आने पर सरकार ने इसे अनदेखा किया
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ओबीसी आरक्षण 50% से आगे नहीं जा सकता — सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश
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SC/ST आरक्षण पर आयोग की रिपोर्ट में कोई टिप्पणी नहीं
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
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पूरा मामला तीन न्यायाधीशों की पीठ को भेजा गया
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अंतिम सुनवाई जनवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में
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इस बीच नगर परिषद व नगर पंचायतों के चुनाव जारी रहेंगे, लेकिन
– ये सभी चुनाव अंतिम आदेश पर निर्भर रहेंगे -
मनपा व जिल्हा परिषद में 50% से अधिक आरक्षण स्वीकार्य नहीं
अगली सुनवाई — 21 जनवरी 2025
21 जनवरी को तीन सदस्यीय पीठ यह तय करेगी कि
आरक्षण सीमा, बांठिया आयोग का रिपोर्ट कार्ड और चुनाव प्रक्रिया — किस तरह आगे बढ़ेगी।



