सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का अधिक महत्व है। कुंडली में दोष होने की वजह से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में पितृ दोष होने के कारण व्यक्ति पूर्वजों के आशीर्वाद से वंचित रहता है। अशुभ ग्रहों की वजह से भी जातक पितृ दोष से पीड़ित होता है। साथ ही किसी अनहोनी होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
अगर आप भी पितृ दोष की समस्या से परेशान हो गए हैं, तो ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में वर्णित उपायों को जरूर करें। मान्यता है कि इन चमत्कारी उपाय के द्वारा पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।
पितृ दोष मुक्ति के उपाय
- पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या तिथि पर विधिपूर्वक पितरों का तर्पण करें। इसके अलावा श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
- सनातन धर्म में पीपल का पेड़ पूजनीय है। अगर आप पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करना चाहते हैं, तो हर रोज दोपहर में पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करें। साथ ही जल में काले तिल, दूध और अक्षत मिलाकर पेड़ पर अर्पित करें। इससे पितरों को शांति मिलेगी और परिवार के सदस्यों को पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है।
- यदि आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो रोजाना स्नान करने के बाद सच्चे मन से दक्षिण दिशा में मुखकर जल में काले तिल मिलाकर पितरों को अर्पित करें। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद साधक को प्राप्त होता है।
- इसके अलावा पितृ दोष को दूर करने के लिए जल में काले तिल मिलाकर विधिपूर्वक देवों के देव महादेव का अभिषेक करें और खीर, फल आदि का भोग लगाएं। इससे व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।