नई दिल्ली- देश में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के साथ ही उनसे जुड़ी सुविधाओं को विस्तार देने और उनकी देखरेख के ढांचे को मजबूत बनाने की तैयारियां भी तेज हो गई है। फिलहाल केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक और बड़ी पहल की है, जिसमें वृद्धाश्रमों और बुजुर्गों की आवाजाही से जुड़े संस्थानों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को अब उनकी देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इससे न केवल वृद्धाश्रमों की गुणवत्ता ठीक होगी, अपितु बुजुर्गों की देखभाल को लेकर लोगों में भी जागरूकता बढ़ेगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बुजुर्गों की देखभाल से जुड़े क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों व संस्थानों को इसे लेकर आमंत्रित किया है। मंत्रालय के अनुसार, प्रशिक्षण का यह काम इस महीने के अंत तक शुरू हो सकता है।
15 करोड़ बुजुर्गों की संख्या
मौजूदा समय में देश के किसी भी वृद्धाश्रमों में काम करने वाले कर्मचारियों को बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ा कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। ऐसे में उम्र के साथ बुजुर्गों को होने वाली दिक्कतों से वह अपरिचित रहते हैं। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में देश में बुजुर्गों की संख्या करीब 15 करोड़ है, जबकि वर्ष 2026 तक इसके 18 करोड़ से अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।
440 जिलों में 536 वृद्धाश्रम
बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई बड़े कदम उठाए है, जिसमें देश के सभी जिलों में कम से कम एक वृद्धाश्रमों की स्थापना है। मौजूदा समय में देश के करीब 440 जिलों में लगभग 536 वृद्धाश्रम है। कई जिलों में एक से भी अधिक है, जबकि करीब 220 ऐसे जिले भी है, जहां अब तक एक भी वृद्धाश्रम नहीं है। इसके साथ ही सभी जिलों के अस्पतालों में बुजुर्गों के उपचार के लिए अलग से एक केयर यूनिट तैयार करने के भी निर्देश दिए गए है।
मंत्रालय का मानना है कि बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के साथ ही उनकी देखरेख को लेकर किसी तरह की चुनौती न खड़ी हो सके, इसे लेकर यह पहल शुरू की गई है।