23 जून तक मिलेगा सस्ता सरकारी सोना, छूट के साथ मिलेगा गारंटीड रिटर्न

नई दिल्ली– वर्तमान वित्त वर्ष में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली किस्त आज यानी सोमवार से शुरू हो रही है. लोग 23 जून, 2023 तक इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 सीरीज की सेटीलमेंट डेट 27 जून रखी है. अगर आप इस स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको हर साल गोल्ड ही बढ़ती कीमतों का फायदा तो मिलेगा ही साथ ही हर साल 2.50 फीसदी का एक्स्ट्रा रिटर्न यानी ब्याज भी मिलेगा. इसका अर्थ है कि इस गोल्ड स्कीम में आपको किसी भी तरह से नुकसान होने की संभावना नहीं है. आइए आपको भी इस स्कीम के बारे में खास बातें बता देंते हैं.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस

16 जून, 2023 को जारी आरबीआई की प्रेस रिलीज के अनुसार सब्सक्रिप्शन टेन्योर के दौरान दौरान एसजीबी सीरीज I का इश्यू प्राइस 5,926 रुपये प्रति ग्राम यानी 59,260 रुपये प्रति दस ग्राम होगा.

 

कैसे होता है प्राइस का कैलकुलेशन?

वैसे गोल्ड बांड का प्राइस इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन तय करता है. वास्तव में गोल्ड बांड का इश्यू प्राइस 999 शुद्धता वाले सोने की औसत क्लोजिंग प्राइस के बेस पर तय किया जाता है. अगर मौजूदा गोल्ड बांड के इश्यू प्राइस की बात करें तो 14, 15 और 16 जून के क्लोजिंग प्राइस का औसत 5,926 रुपये प्रति ग्राम बैठ रहा है. इसी वजह से इश्यू प्राइस यह रखा गया है.

मिलेगी इतनी छूट और पेमेंट ऑप्शंस

भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से, भारत सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवेशकों को इश्यू प्राइस पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है. ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,876 रुपये प्रति ग्राम हो जाएगा.एसजीबी खरीदने के लिए ड्राफ्ट चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग में अधिक अमाउंट के लिए 20, 000 रुपये तक कैश में भुगतान किया जा सकता है.

इंवेस्टर्स एसजीबी कहां से खरीद सकते हैं

शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक (स्मॉल फाइनेंस बैंक​, पेमेंट बैंक और रीजनल रूरल बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल), डेजिग्नेटिड पोस्ट ऑफिस और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज या तो सीधे या एजेंटों के माध्यम से खरीद सकते हैं. निवेशकों को नॉमिनल वैल्यू पर 2.50 फीसदी प्रति वर्ष की निश्चित दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा. जोकि हर छह महीने में दिया जाएगा.

कैसे मिलेगी टैक्स में छूट

1961 के आयकर अधिनियम (1961 का 43) के प्रावधानों के अनुसार, सॉवरेल गोल्ड बांड पर ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा. किसी व्यक्ति को सॉवरेन गोल्ड बांड के रिडेंप्शन पर जेनरेट होने वाले कैपिटल गेंस पर टैक्स छूट है. एसजीबी के ट्रांसफर से होने वाले लांग टर्म कैपिटल गेंस इंडेक्सेशन बेनिफिट के लिए पात्र होंगे.

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