नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोरोना वायरस की स्थिति और टीकाकरण के संदर्भ में सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा वीके पाल मैजूद थे। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के सामने आने के बाद यह बैठक की गई।
कोराना के इस नए वैरिएट को लेकर भारत भी सतर्क हो गया है। भारत ने ब्रिटेन, चीन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील, समेत कई देसों को कोरोना के ‘जोखिम’ वाले देशों की श्रेणी में शामिल किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय उन देशों की सूची में हांगकांग और इजराइल को भी जोड़ा है जहां से यात्रियों को भारत आने पर अतिरिक्त उपायों का पालन करने की आवश्यकता होगी। जिन देशों से यात्रियों को भारत आगमन पर अतिरिक्त उपायों का पालन करना होगा उनमें ब्राजील, बांग्लादेश बोत्सवाना, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर कई देश शामिल हैं।
जाने ये वैरिएंट कितना खतरनाक है?
- चिंता वाली बात ये है कि वैरिएंट के 50 म्यूटेशन हैं। दक्षिण अफ्रीका के सेंटर फॉर इपिडेमिक रिस्पॉन्स एंड इनोवेशन के डायरेक्टर प्रोफेसर टुलियो डि ओलिवीरा ने कहा है कि ये म्यूटेशन एक गुच्छे की तरह है और पहले फैलने वाले वैरिएंट से पूरी तरह अलग है।
- साथ ही 30 म्यूटेशन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में हैं। स्पाइक प्रोटीन ही वो हिस्सा होता है, जहां वैक्सीन असर करती है। यानी अगर स्पाइक प्रोटीन अलग-अलग होगा तो इस वैरिएंट पर वैक्सीन के भी असरदार नहीं होने की भी आशंका है।
- इस वैरिएंट के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में भी 10 तरह के म्यूटेशन हैं। रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन वायरस का वो हिस्सा होता है जो सबसे पहले हमारी बॉडी सेल्स के संपर्क में आता है। डेल्टा वैरिएंट के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में 2 म्यूटेशन थे।
- ये वैरिएंट ज्यादा संक्रामक भी है। दक्षिण अफ्रीका में पिछले 1 हफ्ते में नए केसेस में 200% से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के पीछे इसी वैरिएंट को वजह माना जा रहा है। साथ ही बोत्सवाना, इजराइल और हॉन्ग-कॉन्ग तक फैल भी चुका है।
क्या वैक्सीन इस पर असर नहीं करेगी?
ऐसा माना जा रहा है। चूंकि वैक्सीन को चीन में मिले वायरस के हिसाब से बनाया गया है, लेकिन ये स्ट्रैन उस मूल वायरस से अलग है। हो सकता है कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन इफेक्टिव न हो। इफेक्टिव हो भी तो उसकी एफिकेसी कम हो सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी कुछ भी पुख्ता जानकारी नहीं है।
ये नया स्ट्रैन आया कहां से?
- वैरिएंट के ओरिजिन को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि ये किसी ऐसे शख्स से फैला है, जो HIV एड्स से संक्रमित था। टुलियो डि ओलिवीरा के अनुसार, मई 2020 में दक्षिण अफ्रीका में जो बीटा वैरिएंट मिला था, वो भी एड्स से संक्रमित व्यक्ति से ही फैला था।
- दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया और उससे लगे इलाकों में सबसे पहले केसेस बढ़ना शुरू हुए थे। इसके बाद वैज्ञानिकों ने जिनोमिक सीक्वेंसिंग कर केसेस बढ़ने की वजह पता की तब इस वैरिएंट का पता चला।
वैरिएंट को लेकर भारत क्या कर रहा है?
वैरिएंट से बढ़ती चिंता को देखते हुए भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे दक्षिण अफ्रीका, हॉन्ग कॉन्ग और बोत्स्वाना से आने या जाने वाले यात्रियों की सख्ती से जांच करें।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखी एक चिट्ठी में कहा है कि इस वैरिएंट का म्यूटेशन काफी ज्यादा बताया जा रहा रहा है। इसलिए इन देशों से यात्रा करने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री रिस्क की कैटेगरी में हैं।