नई दिल्ली – आसमान में घटित होने वाली सबसे अद्भुत घटनाओं में से एक माना जाता है ग्रहण. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण साल में 3 से 4 बार लगते हैं. इस साल कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण हैं. साल का पहला सूर्य ग्रहण आज 29 मार्च के दिन लग रहा है. खगोलीय महत्व होने के साथ ही ग्रहण का विशेष धार्मिक महत्व भी होता है. सूर्य ग्रहण लगने पर हिंदू धार्मिक मान्यतानुसार इसका सूतक काल लग जाता है. ऐसे में यहां जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी जरूरी बातें. भारत के समयानुसार यह ग्रहण दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 4 बजकर 17 मिनट पर अपने चरम पर होगा.
सूतक काल को हिंदू धर्म में अशुभ समय माना जाता है. ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 से 12 घंटों पहले लग जाता है. इस समयावधि में बहुत से कार्य करने की मनाही होती है, जैसे इस समय सोना नहीं चाहिए, बाहर निकलने से परहेज किया जाता है या फिर पूजा-पाठ करने के लिए कहते हैं.
किस तरह का होगा यह सूर्य ग्रहण
क्या भारत में मान्य होगा सूतक काल
सूतक काल तब लगता है जब ग्रहण को भारत से देखा जा सकता है. आज 29 मार्च के दिन लग रहा सूर्य ग्रहण भारत से नहीं दिखेगा इसीलिए इस ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा और लोगों को सूतक काल के दौरान सावधानी नहीं बरतनी पड़ेगी.
किन हिस्सों से नजर आएगा सूर्य ग्रहण
इस सूर्य ग्रहण को अमेरिका, कनाडा, ग्रीनलैंड, युरोप, अफ्रीका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर और आइलैंड के कई हिस्सों से देखा जा सकता है. नॉर्थ अमेरिका से सूर्य ग्रहण का बेहतरीन नजारा देखने को मिलेगा.
क्या नग्न आंखों से देख सकते हैं सूर्य ग्रहण
जो लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से इस सूर्य ग्रहण को देख पा रहे हैं उन्हें ग्रहण को नग्न आंखों से देखने की सलाह नहीं दी जाती है. इससे रेटिना डैमेज हो सकता है. इसीलिए ग्रहण के दौरान सूरज को डायरेक्टली देखने के बजाय सोलर फिल्टर्स या ग्रहण वाले ग्लासेस का इस्तेमाल किया जा सकता है.