‘झपटमारी’ के लिए IPC में नहीं था कोई प्रावधान, अब नए कानून अपराधी को 3 साल सजा

नई दिल्ली- देश में 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू कर दिया गया है। नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) को दशकों पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC) के जगह लाया गया है। वहीं, इन कानून के माध्यम से कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं।

तीन साल की हो सकती है सजा

नए कानून में अपराधियों द्वारा की जाने वाली झपटमारी अब भारी पड़ सकती है। भारतीय न्याय संहिता में इसके लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। नए कानून में कोई वस्तु छीनने पर अब तीन साल की सजा हो सकती है। इसको धारा 304 के तहत गैरजमानती अपराध माना गया है।

IPC में नहीं था कोई प्रावधान

IPC की बात करें तो इसको लेकर पुराने कानून में किसी भी तरह का कोई प्रावधान नहीं था। कानून में यह बदलाव इस लिए भी किया गया क्योंकि, छीनने पर पहले लूट या चोरी का मामला दर्ज किया जाता था और इस संदर्भ में आरोपी आसानी से बरी हो जाते थे। वहीं, इस मामले में पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता था।

धारा 304 के तहत होगी कार्रवाई

मालूम हो कि भारतीय न्याय संहिता में छीनने को अपराध माना गया है और धारा 304 के तहत कड़ी सजा का प्रावधान माना गया है। अगर कोई इसमें दोषी पाया जाता है तो उसको तीन साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, इस मामले में आरोपी को जमानत मिलेगी या नहीं, वह कोर्ट के विवेक पर छोड़ा गया है।

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