घर में कब लगवाना चाहिए थ्री-फेस कनेक्शन? क्या फरक होता हैं थ्री फेज और सिंगल फेस में यहाँ जाने?

दुनियाभर में बिजली की सप्लाई तारों की जरिए की जाती है. तारों के जरिए घर और कार्यालयों में पावर सप्लाई पहुंचने पर अप्लायंस चलाए जाते हैं. आपने पावर सप्लाई को लेकर सिंगल फेस और थ्री फेस कनेक्शन के बारे में भी सुना होगा. आइए जानते हैं कब किस सप्लाई की जरूरत होती है.रोजाना की जिंदगी में इंसान द्वारा उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रिक एनर्जी का सोर्स AC यानी अल्टरनेटिंग करंट होता है. ये इलेक्ट्रिक पावर का ही एक प्रकार होता है जिसमें करंट पीरियोडिकली मैग्नीट्यूड और डायरेक्शन दोनों में चेंज होता है.से में जरूरत के हिसाब से AC पावर को सिंगल फेस या थ्री फेस सिस्टम के जरिए डिलीवर किया जाता है.

सिंगल फेस क्या होता हैं ? क्यो लगाते हैं?

इसमें दो वायर्स यानी फेज और न्यूट्रल के जरिए पावर सप्लाई की जाती है. सिंगल फेस का वोल्टज 230V होता है. ये सबसे कॉमन टाइप का सप्लाई है. इसमें आराम से घरों में पंखे, कूलर, हीटर, वॉशिंग मशीन और छोटे एयर कंडीशनर को चला सकता है. सिंगल फेज में पावर सप्लाई 2500 Watts तक लोड के लिए पर्याप्त होता है. लेकिन, इसमें हेवी मोटर और मशीनों को नहीं चलाया जा सकता. यानी अगर आपके घर या दफ्तर में कम एसी और बाकी मशीनें उपयोग होती हैं तो ये कनेक्शन आपके लिए पर्याप्त है.

थ्री फेस कनेक्शन क्या हैं? 

अब अगर थ्री फेस कनेक्शन की बात करें तो इसमें पावर सप्लाई के लिए तीन वायर का इस्तेमाल होता है. थ्री फेस सप्लाई में वोल्टेज 415V होता है. एक एडिशनल वायर के साथ थ्री फेस कनेक्शन सिंगल फेज की तुलना में तीन गुना ज्यादा पावर सप्लाई किया जाता है.थ्री फेस कनेक्शन की जरूरत आमतौर पर फैक्टरी या इंडस्ट्रीज को पड़ती है. अगर घर में भी बड़ी मशीनें या चार से ज्यादा एसी इस्तेमाल हो रहे हों तो वहां भी थ्री-फेस कनेक्शन की जरूरत होगी

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