मुंबई– विपक्ष और अभ्यर्थियों के विरोध के बाद शिंदे-फडणवीस-अजित सरकार ने अब ठेका भर्ती के लिए 9 कंपनियों की नियुक्ति संबंधित शासनादेश (जीआर) रद्द करने का फैसला लिया है। इससे सरकार के बीते 6 सितंबर के शासनादेश के तहत विभिन्न विभागों, अर्धसरकारी विभागों, नगर निकायों, महामंडलों में आउटसोर्सिंग के जरिए ठेके पर भर्ती अब नहीं होगी। फडणवीस ने कांग्रेस-राकांपा और महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल के चार मुख्यमंत्रियों पर ठेका भर्ती का आदेश जारी करने का आरोप लगाया है।
जनता से मांगे माफी
पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ठेका भर्ती का पाप पूर्ववर्ती आघाड़ी और महाविकास आघाड़ी सरकार का है। वर्तमान सरकार उस पाप का बोझ नहीं ढोएगी। इसलिए 9 कंपनियों की नियुक्ति संबंधित शासनादेश को रद्द कर दिया है। ठेका भर्ती के फैसले के लिए विपक्षी दल कांग्रेस-राकांपा (शरद) और शिवसेना (उद्धव) को महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगना चाहिए। यदि वे माफी नहीं मांगेंगे तो भाजपा जनता के बीच उनका पर्दाफाश करेगी।
भ्रम फैला रही महाविकास आघाड़ी
फडणवीस ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने 23 मई 2022 को ठेका भर्ती को मंजूरी दी थी। बाद में शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल में ठेका भर्ती का प्रस्ताव मंजूरी के लिए आया। उसमें मुझे लगा कि नियुक्त कंपनियों को करीबन 25 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिल रहा है। इसके बाद दर को कम करने का फैसला किया गया। मुझे आश्चर्य है कि ठेका भर्ती पर आंदोलन करने वाली महाविकास आघाड़ी को शर्म क्यों नहीं आती है? वह ठेका भर्ती को लेकर लोगों में गलतफहमी फैलाने का प्रयास कर रही है।
सरकार ने नियुक्त की थी 9 कंपनियां
राज्य सरकार ने बीते 6 सितंबर को शासनादेश जारी कर ठेके पर भर्ती के लिए 9 कंपनियों के पैनल को नियुक्त किया था। इन कंपनियों के पैनल में भाजपा विधायक प्रसाद लाड की क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेस कंपनी का भी समावेश था।
पुलिस में ठेका भर्ती नहीं
फडणवीस ने कहा कि मुंबई पुलिस दल में ठेके पर भर्ती नहीं होगी। यहां के 18,331 रिक्त पदों के लिए नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू है। यह होने तक महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा महामंडल के जवानों की सेवाएं लेने का फैसला लिया गया है।