दुर्लभ संयोग में मनेगी श्रावण शिवरात्रि जानें जलाभिषेक की पूर्ण विधि

आज यानी 02 अगस्त के दिन सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। ये दिन शिव जी की पूजा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर महादेव की पूजा के साथ-साथ शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।सावन शिवरात्रि के खास दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समय सुबह 10:59 से लेकर 3 अगस्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है।

ऐसे में भगवान शिव की अर्चना करने से तरक्की के योग का निर्माण होता है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है इस दौरान पूजा करने से यात्रा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। वहीं कुछ लोग घर या मंदिरों में शिव जी की पूजा करते हैं। ऐसे में आइए महादेव की पूजा विधि के बारे में जान लेते हैं।

सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
  • विजय मुहूर्त – दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है।
  • गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक होगा।
  • निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग – 2 अगस्त 2024 सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 3 अगस्त 2024 को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।

सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री

भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गुलाल और सफेद चंदन को शामिल करें। साथ ही दूध दही, कपूर, धूप, दीप, रूई, शहद, घी,पंच फल, गन्ने का रस, गंगाजल, और श्रृंगार की सामग्री को भी रखें। माना जाता है कि इन सामग्रियों से पूजा करने पर महादेव प्रसन्न होते हैं।

जलाभिषेक विधि

सावन शिवरात्रि पर यदि आप महादेव का जलाभिषेक करते हैं, तो सबसे पहले शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने के रस से अभिषेक करें। इसके बाद एक लोटे में गंगाजल लें। जल में काला तिल मिलाकर रख लें। फिर शिव जी के मंत्र का जाप करें। अब इस जल को शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके बाद आप फूल, फल और मिठाई आदि चीजों को अर्पित करते जाएं। बाद में आटे का चौमुखी दीपक जलाकर महादेव की आरती करें।

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