सौराष्ट्र तमिल संगम स्पेशल ट्रेने का आज अकोला रेलवे स्टेशन पर किया भव्य स्वागत

 

अकोला-   14 अप्रैल को मदुरै से रवाना हुई सौराष्ट्र तमिल संगम स्पेशल ट्रेने का आज अकोला रेलवे स्टेशन पर सुबह 8 बजे आगमन हुआ इस दौरान प्रमुख रूप से अधिवक्ता अखिल मिश्रा के करकमलो द्वारा हरी झंडी दिखाई गई. ट्रैन के लोको पायलट श्री एन.डी.ज्ञान और ट्रैन मैनेजर श्री सतेंद्र कुमार और चल टिकट परीक्षक वी.बी.काले का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया और ट्रैन को रवाना किया गया जिसमे समस्त रेल अधिकारियो समेत यात्रियों का गाड़ी के आगमन पर पुष्प वर्षा की गयी और उनका पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया.

जिसमे की आकर्षण का केंद्र रहा तुतारी वाद्य,महाराष्ट्रीय पारम्परिक वेशभूषा में गाड़ी के आगमन पर बजाय गए और शहनाई की धुन से गाड़ी का आगमन और निर्गमन हुआ इस सारे कार्य में श्री यामीन अंसारी के साथ DRUCC सदस्य अधिवक्ता राजनारायण मिश्रा व विमल जैन , सैयद नबील, स्टेशन कमिटी सदस्य, सुमित ठाकुर ,अधिवक्ता चंद्रकांत बोड्डे और समस्त रेलवे अधिकारी भी उपस्थित थे.

दोनों राज्यों के बीच संबंधों को मजबूत करना ट्रेन का उद्देश्य हैं

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में तमिलनाडु से 288 प्रतिनिधियों को ले जाने वाली पहली ट्रेन का उद्देश्य आगामी ‘सौराष्ट्र तमिल संगम’ के हिस्से के रूप में दोनों राज्यों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, जिसे शनिवार को राज्यपाल आर एन रवि ने हरी झंडी दिखाई.

14 अप्रैल को मदुरे से रवाना हुई विशेष ट्रेन शनिवार तड़के चेन्नई एग्मोर रेलवे स्टेशन पर पहुंची। दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, जिसमें प्रतिनिधियों के लिए चार डिब्बे रखे गए हैं और 36 घंटे की यात्रा के बाद गुजरात के वेरावल पहुंचेंगे। हाल ही में समाप्त हुए काशी- तमिल संगम की तर्ज पर केंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत सौराष्ट्र तमिल संगमम का आयोजन किया है। अभियान की आधिकारिक वेबसाइट ने कहा कि सौराष्ट्र तमिल संगमम विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और जीवन के तरीकों के बीच बेहतर और निरंतर पारस्परिक संपर्क के उद्देश्य से एक और अनूठा अभ्यास है।

इतिहास 722 साल पहले का है

वर्षो पहले, सौराष्ट्र से कई लोग तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में चले गए, जिन्हें अभी भी सौराष्ट्रियन तमिल के रूप में जाना जाता है। सौराष्ट्र की कुछ झलक आज भी उनके खान-पान और रहन-सहन की परंपराओं और सामाजिक रीति-रिवाजों में देखी जा सकती है।  तमिलनाडु का मदुरै जिला 2.5 लाख से अधिक सौराष्ट्रियों का घर है।

722 साल पहले कुछ लोग मूल रूप से सौराष्ट्र से तमिलनाडु चले गए थे। केंद्र सरकार ने सदियों से तमिलनाडु में रहने वाले इन लोगों को उनके मूल सौराष्ट्र देखने के लिए लाने के नाम पर मदुरै से एक विशेष ट्रेन चलाने की योजना बनाई।

मूल सौराष्ट्र में सोमनाथ दादा के दर्शन होंगे

इस ट्रेन में यात्रा करने वाले 350 यात्रियों से एक रुपया भी नहीं लिया गया है, इन सभी यात्रियों को पूरी यात्रा नि:शुल्क की गई है. केंद्र सरकार द्वारा यह विशेष ट्रेन तमिलनाडु में बसे लोगों के परिवारों को सोमनाथ दादा के साथ द्वारकाधीश के दर्शन कराने के लिए वापस सौराष्ट्र लाने के लिए चलाई गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here