
इसे महाराष्ट्र सरकार की ‘MARVEL’ पहल और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर विकसित किया है। यह पुलिस अधिकारियों के लिए एक ‘को-पायलट’ (सहायक) की तरह काम करता है। यह सिस्टम ‘माइक्रोसॉफ्ट एज्योर ओपनएआई सर्विस’ पर चलता है और इसे भारतीय पुलिसिंग की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है।बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों को सुलझाने में यह एआई सिस्टम पुलिस की ऐसे मदद करेगा:
बहुभाषी सपोर्ट (Multilingual): यह सिस्टम अलग-अलग भाषाओं में डाटा को समझ और प्रोसेस कर सकता है, जिससे भाषा की बाधा दूर होगी।
कानूनी मदद: केस दर्ज करते समय यह सिस्टम पुलिस को तुरंत प्रासंगिक भारतीय कानूनों और धाराओं की जानकारी देगा।
ऑटोमेटेड वर्कफ्लो: बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों को नोटिस भेजना, सबूतों का विश्लेषण करना और केस फाइल तैयार करना। ये सब काम अब मिनटों में होंगे, जिनमें पहले घंटों लगते थे।
तेज प्रतिक्रिया: इससे प्रशासनिक देरी कम होगी और पुलिस अपराधी तक जल्दी पहुंच सकेगी।
आंकड़े बताते हैं कि भारत में 2024 में 36 लाख से ज्यादा साइबर क्राइम की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें इन्वेस्टमेंट स्कैम और आइडेंटिटी फ्रॉड सबसे ज्यादा थे। महाराष्ट्र इन मामलों में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे राज्य के लिए एक ‘मील का पत्थर’ बताया है। उन्होंने कहा कि यह शुरुआत साइबर क्राइम से हुई है। लेकिन भविष्य में इसे प्रशासन के दूसरे विभागों में भी लागू किया जा सकता है।



