नाशिक: नासिक के इगतपुरी से ठाणे के अमने तक 76 किलोमीटर लंबे समृद्धि राजमार्ग के अंतिम चरण का आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन किया। एक तरह से इससे वह सपना पूरा हुआ है जो फडणवीस ने पिछली बार मुख्यमंत्री रहते हुए देखा था। इससे नागपुर और मुंबई के बीच की दूरी कम हो गई है और समय की भी काफी बचत होगी।
राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास की गाथा में एक मुकुट रत्न, ‘हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि राजमार्ग’ का अंतिम चरण (इगतपुरी से अमने -76 किमी) बनकर तैयार है। समृद्धि राजमार्ग पर इगतपुरी-अमने (76 किमी) के अंतिम चरण का भव्य उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नेकिया । इस उद्घाटन के बाद, 701 किलोमीटर लंबा पूरा समृद्धि राजमार्ग यातायात के लिए खुल जाएगा और नागपुर-मुंबई का सफर सिर्फ 8 घंटे में पूरा हो जाएगा।
‘एक पेड़ माँ के नाम’
महाराष्ट्र की ‘समृद्धी’ का विकासपथ! मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इनका इगतपुरी, नासिक में ‘हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धी महामार्ग’ के अंतिम चरण के लोकार्पण कार्यक्रम हेतु आगमन हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हेलीपैड क्षेत्र के परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण किया।
देश का सबसे आधुनिक राजमार्ग
समृद्धि राजमार्ग का अंतिम 76 किलोमीटर का हिस्सा इगतपुरी से अमने तक है। एक बार जब इस मार्ग पर वाहन चलने लगेंगे, तो इगतपुरी से कसारा घाट तक का रास्ता मात्र 8 मिनट में तय हो जाएगा। पहले मुंबई से नासिक जाने में 4 घंटे से अधिक समय लगता था। समृद्धि राजमार्ग की बदौलत अब यह समय घटकर 2 घंटे 30 मिनट रह गया है। समृद्धि 6 लेन, 120 मीटर चौड़ा और 701 किलोमीटर लंबा है और इसे देश का सबसे आधुनिक राजमार्ग कहा जाता है।
65 फ्लाईओवर, 6 सुरंगें
समृद्धि राजमार्ग को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस राजमार्ग पर 65 फ्लाईओवर, 24 इंटरचेंज, कसारा घाट पर 6 सुरंगें और कई वाहन और पैदल यात्री अंडरपास हैं। इगतपुरी और मुंबई के बीच कसारा घाट के पास 8 किलोमीटर लंबी जुड़वां सुरंगों में से एक बनाई गई है, जो अत्याधुनिक जर्मन तकनीक पर आधारित पूर्ण जल धुंध प्रणाली से सुसज्जित है।
20 मंजिला बिल्डिंग की ऊंचाई है ब्रिज की
एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ के बीच की खाई को पाटने के लिए 20 मंजिला इमारत जितना ऊंचा व्हायडक्ट (ब्रिज) बनाया गया। कुल दो व्हायडक्ट हैं। एक की ऊंचाई 910 मीटर और दूसरे की 1295 मीटर है। इस टनल के निर्माण के दौरान देश में पहली बार हाई प्रेसर वॉटर मिस्ट सिस्टम का इस्तेमाल हुआ है। इस तकनीक के तहत अगर टनल में आग लगने का कोई हादसा होता है तो तापमान 60 डिग्री सेल्सियल पहुंचते ही फायर सिस्टम अपने आप काम करने लगेगा। टनल में लगे पाइपों से पानी की बौछार शुरू हो जाएगी। सफर के दौरान यात्रियों को इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए टनल के भीतर ‘लीकी केबल’ की व्यवस्था की गई है। इससे सिग्नल अच्छा आएगा।
सबसे अधिक बारिश वाला इलाका
इगतपुरी महाराष्ट्र के सबसे अधिक बारिश वाले इलाकों में आता है। इस पूरे प्रोजक्ट को 16 पैकेज में बांटा गया था। इनमें यह काम पैकेज 14 के तहत आता है। टनल के पास नदी होने के कारण इसे पूरा करने में बहुत दिक्कतों का सामान करना पड़ा। ॲफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुसार, बारिश के दौरान काम जारी रखने के लिए साइट के पास एक बांध बनाना पड़ा। भविष्य में भी टनल में पानी नहीं भरे, इसके लिए शुरुआती हिस्से में 200 मीटर तक शेड टनल बनाई गई है। डेडलाइन से पहले ही इस टनल का काम पूरा कर दिया गया।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चलाई फडणवीस की गाडी
इस समृद्धि महामार्ग के अंतिम चरण का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार सहित अन्य मंत्रियों की मौजूदगी में हुआ। इसके बाद तीनों नेताओं ने इस मार्ग पर सुरंग से होकर यात्रा की। उल्लेखनीय है कि इस बार उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस की गाड़ी चलाई। उल्लेखनीय है कि पिछले कार्यक्रम में जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे, तब उनकी गाड़ी देवेंद्र फडणवीस ने चलाई थी।