कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार मकान खरीदारों के लिए बड़ा ऐलान किया गया है. मकान खरीदारों को कुल 730 कर
मुंबई- महाराष्ट्र के रियल एस्टेट नियामक ने राज्य के 13 जिला कलेक्टरों से कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार मकान खरीदारों को कुल 730 करोड़ रुपये का मुआवजा भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. महाराष्ट्र रियल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण (रेरा) ने लंबित बकाया मामलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिये सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला कलेक्टर को नियुक्त किया है.
प्राधिकरण ने कहा कि उसने पिछले पांच साल में महाराष्ट्र रेरा के पास आवेदन देने वाले मकान खरीदारों को 729.68 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर 733 वॉरंट जारी किये. कंपनियों के अपने वादे पूरे नहीं करने पर इन मकान खरीदारों ने रेरा के पास आवेदन दिये. महाराष्ट्र रेरा ने 13 जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर उन मकान खरीदारों को मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, जो रियल एस्टेट कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं.
इन 13 जिलों में मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पुणे, रायगढ़, पालघर, औरंगाबाद, नागपुर, नासिक, चंद्रपुर, सिंधुदुर्ग, सतारा और रत्नागिरी शामिल है. प्राधिकरण के बयान के अनुसार, निर्धारित समय पर कब्जा नहीं देने, किसी परियोजना को बीच में छोड़ने या निर्माण गुणवत्ता घटिया होने जैसी कमियों के लिये मुआवजा दिया गया है.
महाराष्ट्र रेरा के चेयरपर्सन अजॉय मेहता ने अगस्त 2021 में कहा था कि जल्द ही एक रिकवरी सेल का गठन किया जाएगा. इसके बाद यह फैसला आया है. वहीं मुंबई ग्राहक पंचायत के अध्यक्ष शिरीष देशपांडे ने इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी. उम्मीद है कि इस मामले में नई नियुक्ति से इन आदेशों के क्रियान्वयन में तेजी आएगी. रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 के अनुसार, घर खरीदार महाराष्ट्र लैंड रिकवरी कोड के तहत प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं.