मुंबई- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को निर्देश दिए कि दिव्यांगजनो के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए अलग से स्वतंत्र दिव्यांग कल्याण विभाग बनाया जाएगा और इसके लिए प्रस्ताव मंत्रिपरिषद को प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में दिव्यांगों के विभिन्न मुद्दों पर अहम फैसले लिए गए। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, बंदरगाह एवं खान मंत्री दादाजी भुसे, विधायक बच्चू कडू, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन करीर, ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विकास खड़गे, श्रम विभाग के प्रमुख सचिव विनीता वेद-सिंगल, सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे, दिव्यांग कल्याण आयुक्त ओमप्रकाश देशमुख सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
दिव्यांग कल्याण विभाग बनाने की योजना
वर्तमान में दिव्यांग कल्याण आयुक्तालय राज्य में सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग के प्राधिकार एवं विभिन्न कल्याण विभाग के अधीन कार्य कर रहा है। इसके माध्यम से विकलांगों के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। हालांकी अब जल्द ही राज्य में अलग से दिव्यांग कल्याण विभाग बनाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक में इस प्रस्तावित विभाग के लिए जनशक्ति, उपकरण और अन्य मामलों का विस्तृत प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए।
हर जिले में बनेगा दिव्यांग भवन
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा की राज्य मे सभी जिलो में दिव्यांग भवन का निर्माण सभी जिला परिषदों, नगर निगमों और स्थानीय विधायक निधि की वित्तीय सहायता से किया जाएगा और मुख्यमंत्री ने व्यापक योजना तैयार कर कैबिनेट के समक्ष स्वीकृति के लिए रखने के निर्देश भी दिए। दिव्यांग छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि कम है और पिछड़े वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के बराबर ही राशि कम कर दी जाएगी।
घर-घर जाकर करेंगे दिव्यांगो का सर्वे
अकोला और ठाणे की तर्ज पर दिव्यांगों का घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सर्वेक्षण से विकलांगों की जानकारी एकत्र की जाएगी और उन्हें योजनाओं का लाभ देना आसान होगा।