नई दिल्ली- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ‘RBI रिटेल डायरेक्ट’ का मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इसके जरिए रिटेल निवेशक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को ऑनलाइन खरीद और बेच सकते हैं। ios और एंड्रॉयड दोनों तरह के यूजर्स के लिए यह ऐप उपलब्ध हो गया है।गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में रिटेल निवेशकों का पार्टिसिपेशन बढ़ाने के लिए नवंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट स्कीम लॉन्च की गई थी। तब से रिटेल निवेशक rbiretaildirect.org.in वेबसाइट के जरिए सरकारी बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं।
रिटेल डायरेक्ट स्कीम क्या है?
रिजर्व बैंक की रिटेल डायरेक्ट स्कीम रिटेल निवेशकों को सरकारी सिक्योरिटीज (जी-सेक) ऑनलाइन प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजारों से खरीदने की अनुमति देती है। छोटे निवेशक अब इसके जरिए एक गिल्ट सिक्योरिटीज अकाउंट खोलकर सरकारी बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं। यह अकाउंट रिजर्व बैंक के साथ खुलता है। इस अकाउंट को रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) अकाउंट बोला जाता है।
आप कहां-कहां निवेश कर सकेंगे?
- भारत सरकार की सिक्योरिटीज में, यानी एक साल से ज्यादा समय के गवर्नमेंट पेपर बिल।
- भारत सरकार के ट्रेजरी बिल्स में। एक साल से कम समय की गवर्नमेंट सिक्योरिटी को ट्रेजरी बिल्स कहते हैं।
- सोवरिन गोल्ड बॉन्ड्स (SBG) में। ये सोने की कीमत पर जारी किए जाते हैं, लेकिन आपको फिजिकली सोना नहीं मिलता। इन्हें RBI हर महीने जारी करता है।
- स्टेट डेवलपमेंट लोन्स (SDL) में। इन्हें राज्य सरकार राज्य में विकास कार्यों के लिए जारी करती है। जैसे – राज्य में सड़क निर्माण के लिए।
RDG अकाउंट कौन खोल सकता है?
RBI के 12 जुलाई 2021 के नोटिफिकेशन के अनुसार, रिटेल निवेशक RDG अकाउंट खोल सकता है। इसके लिए उसे कुछ नियमों का पालन करना होगा। भारत में सेविंग बैंक अकाउंट को मेंटेन करना होगा। उसके पास पैन कार्ड के साथ आधार कार्ड, वोटर ID या कोई ऑफिशियल डॉक्यूमेंट KYC के लिए होना जरूरी है।
RDG अकाउंट खोलते समय एक ईमेल ID और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी देना होता है। RDG अकाउंट खुद के नाम पर या फिर किसी और रिटेल निवेशक के साथ ज्वॉइंट में खोल सकते हैं। पर दूसरे निवेशक को भी सभी नियमों का पालन करना होगा।RDG अकाउंट के लिए कोई चार्ज नहीं लगता है। न तो ओपनिंग चार्ज और न ही इसे मेंटेन करने का कोई चार्ज है। हालांकि, पेमेंट गेटवे का अगर कोई चार्ज होगा तो निवेशक को ही वो चार्ज देना होगा।
गवर्नमेंट सिक्योरिटी क्या होती है?
भारत सरकार और राज्यों की सरकार ऐसा पेपर जारी करती है, जिस पर वो मार्केट से कर्ज लेती है। इसे गवर्नमेंट सिक्योरिटी कहा जाता है। ये एक सरकारी कागज होता है और इसकी गांरटी सरकार लेती है।