RBI की आय और व्यय के बीच के अंतर को सरप्लस कहते हैं। RBI रिजर्व के लिए प्रोविजन और रिटेन्ड अर्निंग के बाद सरप्लस को सरकार को ट्रांसफर करता है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 47 (अलॉकेशन ऑफ सरप्लस प्रॉफिट) के अनुसार, ये ट्रांसफर होता है
RBI सरप्लस कैसे जनरेट करता है?
आरबीआई की इनकम:
- घरेलू और विदेशी प्रतिभूतियों की होल्डिंग पर ब्याज
- सर्विसेस से फीस और कमीशन
- फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजैक्शन से प्रॉफिट
- सब्सिडियरी और एसोसिएट कंपनियों से रिटर्न
आरबीआई का व्यय:
- करेंसी नोटों की छपाई
- जमा और उधार पर ब्याज का भुगतान
- कर्मचारियों का वेतन और पेंशन
- कार्यालयों और शाखाओं का ऑपरेशनल खर्च
- अचानक पैसों की जरूरत और डेप्रिसिएशन के लिए प्रावधान
अब तक का सबसे ज्यादा सरप्लस
ये अब तक का सबसे ज्यादा एनुअल सरप्लस ट्रांसफर है। एक्सपर्ट के अनुसार सरप्लस अमाउंट में तेज उछाल का एक कारण फॉरेक्स होल्डिंग से रिजर्व बैंक की कमाई है। एक्सपर्ट ने कहा कि अपेक्षा से ज्यादा सरप्लस केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर है क्योंकि यह केंद्र के लिक्विडिटी सरप्लस और उसके बाद व्यय को सपोर्ट करेगा।