Loan on Real Estate: भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए डाटा के अनुसार, जुलाई में बैंकों का कर्ज 38 फीसदी बढ़कर 28 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसमें हाउसिंग और कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर दोनों शामिल है. आरबीआई रियल एस्टेट सेक्टर पर कर्ज डाटा और प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के नए डाटा से स्पष्ट हुआ है कि रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है.
वहीं प्रमुख शहरों में हाउस प्रोजेक्ट यह बताता है कि भारत में घरों की डिमांड भी बढ़ रही है, जिस कारण कई शहरों में घरों की कीमत बढ़ चुकी है. इसमें मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहर शामिल हैं.
बैंकों ने रियल एस्टेट सेक्टर को दिया रिकॉर्ड कर्ज
आरबीआई के सेक्टोरल डिप्लॉयमेंट ऑफ बैंक क्रेडिट डाटा के मुताबिक, जुलाई में प्राथमिक क्षेत्र के आवास समेत रियल एस्टेट सेक्टर में बकाया लोन सालाना 37.4 प्रतिशत बढ़कर 24.28 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है. वहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी पर बैंकों का बकाया 38.1 फीसदी बढ़कर 4.07 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. एनारॉक के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर पर कर्ज की इतनी बढ़ोतरी बड़े पैमाने पर मांग को दर्शाता है.
क्यों बढ़ी इतनी मांग
एनारॉक के चेयमैन ने कहा कि पिछले साल कमर्शियल सेक्टर महामारी से जूझ रहा था, क्योंकि लोगों द्वारा घरों की मांग कम हुई थी. वहीं नियोक्ताओं ने कार्यालय से पूर्ण काम बंद कर घर से काम या हाइब्रिड मॉडल का अपनाया था. जैसे ही स्थिति समान्य हुई है कर्मचारी कार्यालय लौटे हैं और अच्छी गुणवत्ता की मांग बढ़ गई है. ऐसे में कमर्शियल ऑफिस की संख्या में इजाफा हुआ है.
घरों की कीमत में इजाफा
आरबीआई डेटा के अनुसार, आल इंडिया एचपीआई ग्रोथ साल दर साल 2023-24 की पहली तिमाही में 5.1 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो पिछली तिमाही में 4.6 फीसदी और एक साल पहले 3.4 फीसदी थी. पुरी ने कहा कि 2022 में टॉप 7 शहरों में आवास की बिक्री पहले ही पिछले साल की तुलना में 63 प्रतिशत तक पहुंच गई है. उन्होंने ने कहा कि होम लोन की ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद मांग कम नहीं हुई है.