
हर दो महीने में होती है एमपीसी बैठक
महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट की अहम भूमिका होती है। जब भी बाजार में कुछ चीजों की मांग बढ़ जाती है तो सप्लाई डिमांड को बैलेंस को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई समय-समय पर बैठक करता है। इस बैठक को ही एमपीसी कहते हैं। एमपीसी बैठक में रेपो रेट में कटौती या बढ़ावा को लेकर फैसले लिए जाते हैं।
क्यों बदलता है रेपो रेट
जब भी देश में मंहगाई बढ़ जाती है तो उसे कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में बदलाव किया जाता है। रेपो रेट एक तरह का ब्याज है जो केंद्र बैंक बाकीको कंट्रोल और मनी फ्लो को कम करने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी करती है। वहीं, जब देश की इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तब मनी फ्लो बढ़ाने के लिए रेपो रेट में कटौती करती है।



