NEFT और RTGS में हुए महत्वपूर्ण बदलाव,जान ले वरना होगा नुकसान

Reserve Bank of India: र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) ने व‍िदेशी अंशदान अधिनियम से जुड़े लेनदेन को लेकर एनईएफटी (NEFT) और आरटीजीएस (RTGS) में बदलाव किये हैं. गृह मंत्रालय की तरफ से एसबीआई (SBI) से विदेशों से भेजे जाने वाले पैसे समेत विदेशी चंदा देने वालों के बारे में डेली बेस‍िस पर रिपोर्ट देने के लिये कहे जाने के बाद आरबीआई (RBI) ने यह कदम उठाया है. विदेशी अंशदान अधिनियम (FCRA) के तहत विदेशी चंदा एसबीआई (SBI) की नई द‍िल्‍ली मुख्य शाखा के एफसीआरए (FCRA) खाते में ही आना चाहिए.

गृह मंत्रालय की जरूरतों के ह‍िसाब से क‍िया बदलाव

विदेशी बैंकों से एफसीआरए खाते में योगदान स्विफ्ट और भारतीय बैंकों से एनईएफटी (NEFT) और आरटीजीएस (RTGS) के जरिये भेजा जाता है. आरबीआई ने एक परिपत्रक में कहा क‍ि गृह मंत्रालय की वर्तमान समय के जरूरतों के संदर्भ में दानकर्ता का नाम, पता, मूल देश, राशि, मुद्रा और प्रेषण के उद्देश्य समेत सभी विवरण इस तरह के लेनदेन में दर्ज किए जाने जरूरी हैं.

15 मार्च से प्रभाव में आएंगे न‍ियम

एसबीआई को डेली बेस‍िस पर इसके बारे में जानकारी होम म‍िन‍िस्‍ट्री को देनी है. केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘एनईएफटी और अरटीजीएस प्रणालियों में महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं.’ निर्देश 15 मार्च, 2023 से प्रभाव में आएंगे. आरबीआई (RBI) ने बैंकों से एनईएफटी और आरटीजीएस प्रणाली के माध्यम से एसबीआई को विदेशी दान भेजते समय अपेक्षित विवरण प्राप्त करने के लिये जरूरी बदलाव करने को कहा है.

मोदी सरकार नेतृत्व वाली सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से, एफसीआरए से संबंधित नियमों को कड़ा किया गया है. इसके तहत कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर लगभग 2,000 गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के एफसीआरए पंजीकरण भी रद्द किये गये हैं.

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