नई दिल्ली-आरबीआई ने आज देश के सभी बैंकों को 1 करोड़ रुपये तक की सभी एफडी पर समय से पहले निकासी की सुविधा देने को कहा है। वर्तमान में यह सुविधा 15 लाख रुपये तक की है।आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि,”समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि नॉन-कॉलेबल टर्म डिपॉजिट की पेशकश के लिए न्यूनतम राशि 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये की जा सकती है.”
कब से लागू होगी यह सुविधा?
आरबीआई के इस निर्देश का अर्थ यह हुआ कि व्यक्तियों से 1 करोड़ रुपये और उससे कम राशि के लिए स्वीकार की जाने वाली सभी घरेलू एफडी में समय से पहले निकासी की सुविधा होनी चाहिए। यह निर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों पर तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
आरबीआई ने बैंकों को दी यह सुविधा
इसके अलावा आरबीआई ने बैंकों को डिपॉजिट की अवधि और आकार के अलावा, डिपॉजिट की गैर-कॉलेबिलिटी (समयपूर्व निकासी विकल्प की अनुपलब्धता) के आधार पर एफडी पर ब्याज पर अंतर दर की पेशकश करने की भी अनुमति दी है। केवल थोक जमा पर अलग-अलग ब्याज दर की पेशकश की जाती है।
इन लोगों को भी मिलेगी ये सुविधा
आरबीआई ने कहा कि यह निर्देश अनिवासी (एक्टर्नल) रुपया (एनआरई) जमा/साधारण अनिवासी (एनआरओ) जमा के लिए भी लागू होंगे। सर्कुलर में आरबीआई ने बताया कि,’बैंकों को समयपूर्व निकासी विकल्प के बिना एनआरई/एनआरओ सावधि जमा की पेशकश करने की स्वतंत्रता होगी, बशर्ते कि 1 करोड़ रुपये और उससे कम राशि के लिए व्यक्तियों (अकेले या संयुक्त रूप से आयोजित) से स्वीकार किए गए सभी एनआरई/एनआरओ सावधि जमा में समयपूर्व निकासी की सुविधा होगी।
ग्रामीण बैंको को मिली ये मंजूरी
एक दूसरे सर्कुलर में आरबीआई ने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए ‘थोक जमा’ सीमा को मौजूदा 15 लाख रुपये और उससे अधिक से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक कर दिया गया है।वाणिज्यिक बैंकों और लघु बचत बैंकों के मामले में 2 करोड़ रुपये और उससे अधिक की जमा राशि को ‘थोक जमा’ कहा जाता है।