नयी दिल्ली- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों में बढ़ रहे फ्रीज और इनऑपरेटिव अकाउंट पर चिंता जताई है। बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे अकाउंट में कमी लाने के लिए तत्काल हर संभव जरूरी कदम उठाएं। बैंकों से कहा गया है कि ऐसे अकाउंट्स की KYC के लिए मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग, नॉन-होम ब्रांच, वीडियो कस्टमर आइडेंटिफिकेशन जैसी आसान प्रोसेस अपनाएं।इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऐसे अकाउंट में केंद्र या राज्य सरकारों की विभिन्न स्कीमों के जरिए आ रहा अमाउंट बिना किसी दिक्कत के जमा होते रहे। ऐसे अकाउंट जिनमें दो साल से अधिक समय तक लेन-देन नहीं होता, उन्हें निष्क्रिय खातों की श्रेणी में डाल दिया जाता है।
निष्क्रिय खाते अवैध गतिविधियों को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं?
इन खातों में अवैध रकम भेजी जा सकती है। लेनदेन को मिटाने के लिए फौरन निकासी हो सकती है। ये अवैध संचालन के आदर्श माध्यम बन जाते हैं।गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2024 के पहले नौ महीनों के दौरान साइबर धोखाधड़ी के कारण भारत को 11,333 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। करीब 20% जनधन खाते दिसंबर 2023 तक निष्क्रिय थे। इसका मतलब है कि कुल 51 करोड़ जनधन खातों में से लगभग 10.3 करोड़ खाते निष्क्रिय थे।
ध्यान दें: निष्क्रिय खातों में ब्याज बंद हो सकता है, RBI वेलफेयर में लगा सकता है पैसा
- अकाउंट को फिर से एक्टिव करने पर न केवल फाइनेंशियल इंक्लूजन में मदद मिलती है, बल्कि उसमें जमा अमाउंट भी सेफ रहता है। अकाउंट होल्डर्स बिना किसी दिक्कत के लेन-देन कर सकते हैं।
- निष्क्रिय खातों पर रखरखाव या निष्क्रियता शुल्क लग सकता है। खाताधारक ऑनलाइन बैंकिंग या नए डेबिट कार्ड अनुरोध जैसी सेवाओं तक पहुंच खो देते हैं। ब्याज भी बंद हो सकता है।
- अनक्लेम्ड डिपॉजिट को RBI द्वारा मैनेज किए जाने वाले एजुकेशनल और अवेयरनेस फंड में भेज दिया जाता है।
अनक्लेम्ड डिपॉजिट सालाना आधार पर 28% बढ़ा
RBI ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तिमाही आधार पर इनऑपरेटिव अकाउंट पर रिपोर्ट जारी करें। इससे पहले RBI ने बैंकों को ऐसे खातों से धोखाधड़ी रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए थे। सरकारी डेटा के मुताबिक, 2023 के आखिर तक ऐसे खातों में 1 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि फंसी थी। इनमें से करीब 42 हजार करोड़ अनक्लेम्ड हैं।दिसंबर 2023 में वित्त मंत्रालय ने संसद को दी गई सूचना में बताया था कि मार्च 2023 में बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट सालाना आधार पर 28% बढ़कर 42,270 करोड़ तक पहुंच गया था, जो मार्च 2022 में 32,934 करोड़ रुपए था। इनमें से प्राइवेट बैंकों में 6,087 करोड़ रुपए हैं।
RBI ने ऐसे खातों से धोखाधड़ी का जोखिम कम करने के लिए बैंकों को फिर से एक्टिव किए गए खातों की छह महीने तक निगरानी के निर्देश दिए थे। साथ ही, एक साल से निष्क्रिय खातों की निगरानी के निर्देश दिए थे।
₹100 के लेनदेन से अकाउंट चालू हो सकता है
- RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक बैंक इनऑपरेटिव यानी निष्क्रिय खातों को चालू करने के लिए कोई चार्ज नहीं ले सकते हैं। यानी खाता सक्रिय कराने की प्रक्रिया बिल्कुल फ्री है।
- ऐसे खाताधारक ब्रांच जाएं और अपने साइन के साथ खाता एक्टिव करने के लिए KYC फॉर्म भरें।
- फॉर्म के साथ स्व-सत्यापित पहचान पत्र और घर का पता दें।
- खाते को एक्टिव करने के लिए कुछ अमाउंट डालें। मिनिमम 100 रुपए के लेनदेन से अकाउंक को एक्टिव किया जा सकता है।