Saturday, November 23, 2024
Home राष्ट्रीय औद्योगिक घरानों व बैंकों के रिश्तों पर शीघ्र लागू होंगे नए नियम

औद्योगिक घरानों व बैंकों के रिश्तों पर शीघ्र लागू होंगे नए नियम

नई दिल्ली- बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंकिंग लाइसेंस देने का मामला अभी भले ही आरबीआई ने ठंडे बस्ते में डाल दिया हो लेकिन इस व्यवस्था को लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता। आरबीआई ने हाल ही में जिस तरह से बैंकों और कॉरपोरेट सेक्टर के बीच कारोबारी रिश्तों को लेकर कुछ कदम उठाने के संकेत दिए हैं उसे भविष्य की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।पिछले दिनों ही आरबीआईने कंपनियों की तरफ से गठित वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) में बैंकों व गैर बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) के निवेश को लेकर बेहद सख्त रवैया अख्तियार करते हुए रोक लगा दी है। और अब आरबीआई जल्द ही कनेक्टेड लेंडिंग (ऐसे व्यक्ति को कर्ज देना जो बैंकिंग कंपनी के फैसले को प्रभावित करता है) पर एक विस्तृत नियम लाने का ऐलान किया है।

जल्द लागू होगा कनेक्टेड लेंडिंग नियम

पहले चरण में इस नियम का ड्राफ्ट जारी किया जाएगा जिस पर सार्वजनिक तौर पर विमर्श होगा, फिर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। कनेक्टेड लेंडिंग को लेकर ये नियम भविष्य में बैंकों और उनकी तरफ से दिए जाने वाले कर्ज की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का काम करेगा। इसे आरबीआई की तरफ से बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंकिंग लाइसेंस देने या उन्हें सरकारी बैंकों की खरीद की छूट देने से पहले की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।

नवंबर, 2020 में आरबीआई की तरफ से गठित एक आंतरिक समिति ने देश के बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंकिंग सेक्टर में उतरने की अनुमति देने की सिफारिश की थी। इसके दो ही महीने बाद आम बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। हालांकि अभी तक ना तो आरबीआई ने अपनी आंतरिक समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया और ना ही बजटीय घोषणा को अमल में लाया जा सका।

बैंकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा सरकार बैंक निजीकरण पर आगे बढ़ना चाहती है लेकिन बैंकों व कंपनियों के बीच के संबंधों को लेकर नियम-कानूनों को पूरी तरह से पुख्ता बनाने के बाद ही ऐसा किया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों के दौरान पीएनबी-नीरव मोदी, पीएमसी बैंक-एचडीआईएल, यस बैंक (राणा कपूर के कार्यकाल में)-डीएचएफएल, आईसीआईसीआई बैंक (सीइओ व एमडी चंद्रा कोचर के कार्यकाल में)-वीडियोकोन जैसे कई मामले सामने आ चुके हैं।यह तब हुआ है जब कनेक्टेड लेंडिंग को लेकर अभी भी नियम हैं। ऐसे में पहले मौजूदा नियमों को सख्त बनाने और इसको सही तरीके से लागू करने की व्यवस्था को पुख्ता बनाने की है। यह काम आरबीआई अपन नये नियमों के जरिए कर देगा।

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