नयी दिल्ली- अस्थिर माहौल और रुपए में कमजोरी के बीच रिजर्व बैंक ने जनवरी में 2.8 टन सोना खरीदा। बीते साल भी आरबीआई ने 72.6 टन सोना खरीदा था। इसके चलते केंद्रीय बैंक के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर 11.3% हो गई है, जो एक साल पहले 7.7% थी।आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी के आखिर तक देश का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 879 टन हो गया। पिछले साल के मुकाबले यह 8% ज्यादा है। 2 फरवरी, 2024 को देश का गोल्ड रिजर्व 812.33 टन था। दिलचस्प है कि 2024 में रिजर्व बैंक ने लगातार सातवें साल गोल्ड रिजर्व बढ़ाया था। इस बीच चीन ने जनवरी में लगातार तीसरे महीने सोने की खरीदारी की।
तीन कारणों से सोना खरीद रहे केंद्रीय बैंक
- सोना महंगाई से नुकसान की भरपाई करने में मदद करता है। दुनियाभर के बैंक को भी वैश्विक महंगाई का सामना करना पड़ता है। इससे करेंसी की वैल्यू घटती है।
- संकट के दौर में सोने के दाम बढ़ने लगते हैं। इससे चुनौतीपूर्ण दौर में सोने में किया गया निवेश अच्छा रिटर्न देता है। हाल में कई देशों के बीच युद्ध से सोने का रिटर्न बढ़ गया है।
- सोने में निवेश रिस्क-फ्री होता है, जो केंद्रीय बैंकों को पसंद है। डॉलर की वैल्यू घटने पर सोने की कीमत बढ़ना भी उन्हें आकर्षित करता है।
इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक (24 फरवरी) 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 10,194 रुपए बढ़कर 86,356 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 10,227 रुपए बढ़कर 96,244 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं पिछले साल यानी 2024 में सोना 12,810 रुपए महंगा हुआ था।