मुंबई- पांचवी और आठवीं की वार्षिक परीक्षाओं को लेकर असमंजस को दूर करते हुए राज्य शैक्षणिक शोध व प्रशिक्षण परिषद ने साफ किया है कि, परीक्षाएं स्कूल के स्तर पर ही ली जाएंगी. इसके लिए प्रश्न पत्र भी स्कूल में ही तैयार किए जाएंगे. हालांकि मॉडल प्रश्न पत्र तैयार किए गए है. जिनके आधार पर स्कूलों को विद्यार्थियों के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने है. जो विद्यार्थी फेल होंगे उनकी दोबारा परीक्षा की व्यवस्था भी स्कूल को ही करनी होगी और विद्यार्थी
दूसरी बार भी फेल हुए तो उन्हें उसी कक्षा में पढना होगा. दरअसल इस साल से राज्य सरकार ने नो फेल नीति खत्म कर दी है और फैसला किया है कि, पांचवी और आठवीं कक्षा में वार्षिक परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थियों को ही अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा. हालाकि, कई स्कूलों के शिक्षक और मुख्याध्यापक अब भी परेशान है. मुंबई के बोरीवली इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापक ने कहा कि, अभी भी कई चीजों को लेकर असमंजस है.
4 से 6 अप्रैल के बीच पीएटी परीक्षा
वार्षिक परीक्षा से पहले तीसरी से आठवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को तीन विषयों में प्रोग्रेसिव असेसमेंट स्टेट (पीएटी) परीक्षा देनी होगी. हालाकि इन परीक्षाओं में पास या फेल होने का पांचवी और आठवीं की वार्षिक परीक्षा पर कोई असर नहीं होगा. पीएटी परीक्षा के लिए स्टेट काउंसिल फॉर एज्युकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने प्रश्नपत्र तैयार किया है. जो स्कूलों को उपलब्ध कराया जाएगा, इसके तहत सभी माध्यम के विद्यार्थियों को प्रथम भाषा, गणित और तृतीय भाषा की परीक्षा देनी होगी.
प्रथम भाषा की परीक्षा 4 अप्रैल, गणित की परीक्षा 5 अप्रैल जबकि तृतीय भाषा की परीक्षा 6 अप्रैल को होगी. शिक्षा निरीक्षक (दक्षिण मुंबई) देवीदास महाजन ने बताया कि तीसरी-चौथी की परीक्षा 30 अंको की, जबकि सातवीं और आठवीं की परीक्षा 50 अंको की होगी. स्कूलों को निर्देश दिए गए है कि, इसके बाद वार्षिक परीक्षाएं अप्रैल के दूसरे सप्ताह में आयोजित करें.