Thursday, July 25, 2024
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मकर संक्रांति आज है कि कल? जानिए सही तारीख, वाहन,संक्रांति काल, स्नान-दान का मुहूर्त और पूजा विधि

 

नई दिल्ली- मकर संक्रांति का पर्व देशभर में विभिन्न तरीके से मनाया जाता है। साल का पहला पर्व के रूप में मकर संक्रांति होती है। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति होती है। इसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाते हैं और शादी-विवाह, मुंडन, छेदन जैसे मांगलिक और शुभ काम होना शुरू हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन स्नान के साथ दान करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिलने के साथ पुण्य की प्राप्ति होती है। जानिए मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त, पुण्य काल सहित सबकुछ।

ज्योतिष गणना के अनुसार, साल में सूर्यदेव एक अवधि तक एक-एक करके 12 राशियों में प्रवेश करते हैं। जब सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं, तो इसे संक्रांति नाम से जानते हैं।  इसके साथ ही जिस राशि में प्रवेश कर रहे है उस राशि का नाम आगे जुड़ जाता है। इसी तरह सूर्यदेव नए साल में 14 जनवरी की रात को मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में मकर संक्रांति का योग बनता है। जानिए 12 संक्रांति में से मकर संक्रांति क्यों होती है खास और किस तरह इस साल संक्रांति आ रही हैं।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार,  इस साल की संक्रांति विशेष ग्रहों, नक्षत्रों और आयुध के साथ वाहनों से युक्त होगी। ऐसे में इसका फल भी अलग-अलग होगा। इस बार संक्रांति वराह में सवार होकर आ रही हैं और उप वाहन वृषभ यानी बैल है।

मकर संक्रांति 2023 का क्या होगा फल

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के कारण देश दुनिया में  काफी फल पड़ने वाला है। कई क्षेत्रों में बारिश कम होगी जिसके कारण सूखा का प्रभाव अधिक रहेगा। इसके साथ ही बदलते मौसम के कारण अधिक लोगों के सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।  वहीं सरकारी कर्मचारियों के प्रति लोगों का काफी गुस्सा बढ़ेगा। यह संक्रांति कई लोगों के लिए शुभ साबित नहीं होगा।

संक्रांति काल

  • वाहन – वराह
  • उप वाहन – वृषभ
  • वस्त्र – हरा रंग
  • पुष्प – बकुल
  • अवस्था – वृद्धावस्था
  • लेपन – चंदन
  • हथियार – खड्ग
  • आभूषण – मोती की माला
  • पात्र – ताम्र पात्र
  • भिक्षा – अन्न
  • दिशा – पश्चिम से उत्तर
  • दृष्टि- ईशान
  • स्थिति-बैठी हुई
  • वर्ण-भूत

मकर संक्रांति क्यों होती है खास

बता दें कि सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति होती है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो ये पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध की ओर गति करने लगती है। भारत उत्तरी गोलार्ध में होने से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं। इसके साथ ही सूर्य की रोशनी अधिक समय तक फसलों में रहती हैं।  इसलिए मकर संक्रांति को खास माना जाता है।

कब है मकर संक्रांति 2023?

पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में उदया तिथि के कारण 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।

मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त

पुण्य काल – 15 जनवरी 2023 को सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तक

महा पुण्य काल – 15 जनवरी 2023: सुबह 7 बजकर 17 मिनट से सुबह 9 बजकर 04 मिनट तक

सुकर्मा योग- 14 जनवरी दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से 11 बजकर 51 मिनट तक

धृति योग- 11 बजकर 51 मिनट से 16 जनवरी सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक

मकर संक्रांति 2023 पूजा विधि

मकर संक्रांति के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साथ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। अगर आप गंगा स्नान कर लें, तो आप भी बेहतर है। लेकिन किसी कारणवश गंगा स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डाल लें।स्नान करने के बाद भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल, थोड़ा तिल, सिंदूर, अक्षत और लाल रंग का फूल डालकर अर्घ्य दें। इसके साथ ही भोग लगाएं। पूजा पाठ करने के बाद अपनी योग्यता के अनुसार दान करें।

मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान

मकर संक्रांति के दिन मुहूर्त पर अन्न, तिल, गुड़, वस्त्र, कंबल, चावल, उड़द की दान, मुरमुरे के लड्डू आदि का दान करें। ऐसा करने से सूर्य के साथ-साथ शनिदेव भी प्रसन्न होंगे।

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