नई दिल्ली- केंद्रीय कैबिनेट की ओर से बुधवार को 13,000 करोड़ रुपये की पीएम विश्वकर्मा स्कीम को मंजूरी दे दी गई है। इस स्कीम का सीधा फायदा 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के साथ बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों को होगा।पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कल लाल किले से भाषण के दौरान इस योजना को लागू करने की घोषणा की गई थी। पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार 13 हजार से लेकर 15,000 करोड़ की लागत से पीएम विश्वकर्मा स्कीम शुरू करने जा रही है।
5 प्रतिशत की ब्याज दर पर मिलेगा तीन लाख तक का लोन
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठकके बाद कहा कि इस स्कीम के तहत शिल्पकारों को पहली किस्त में एक लाख रुपये और दूसरी किस्त में दो लाख रुपये का लोन दिया जाएगा और इसकी ब्याज 5 प्रतिशत होगी।पीएम मोदी की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि सरकार 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर इस योजना को लॉन्च करने जा रही है।
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करना है। इस योजना के जरिए बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा।
बजट 2023 में हुआ था योजना का एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2023 में इसकी पहली बार घोषणा की थी। बजट में इस योजना पर एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि शिल्पकार स्वतंत्र और आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस योजना से महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों को फायदा मिलेगा।