नई संसद आज से शुरू हुई कार्यवाही, संसद की पुरानी इमारत अब कहलाएगी संविधान सदन

नयी दिल्ली– संसद की 96 साल पुरानी इमारत में कार्यवाही का आज आखिरी दिन था। आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबके साथ फोटो खिंचाई। इसके बाद सभी सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे।

सेंट्रल हॉल में अपने अनुभव साझा करते समय कुछ सांसद भावुक हुए, तो किसी ने इसे गौरव का पल कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का सेंट्रल हॉल हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। यहीं 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। बाद में संविधान ने भी यहीं आकार लिया।

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PM ने कहा- आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में बैठने वाले हैं और ये बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहां बैठ रहे हैं। आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सेंट्रल हॉल में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर इसकी सहमति दी। मोदी ने कहा- पुराने सदन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए। संविधान सदन से हमारी प्रेरणा बनी रहेगी।

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  •  देशवासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई और शुभकामनाएं दी-मोदी ने अपने भाषण के शुरुआत में देशवासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में हम नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराकर फिर एक बार संकल्पबद्ध होकर और उसको पूर्ण करने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।
  • संसद भवन हमें हमारे कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है-  मोदी ने कहा- ये भवन और उसमें भी यह सेंट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है। हमे भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी के पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था। बाद में यहां संविधान सभा की बैठक शुरू हुई। उसमें गहन चर्चा करके हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया।

  •  शाहबानों केस के जरिए तीन तलाक का जिक्र किया- मोदी ने कहा कि यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। यह सेंट्रल हॉल उस प्रकिया का भी साक्षी है। हमारे राष्ट्रगान और तिरंगे को भी यहीं अपनाया गया। यहीं पर 4 हजार से ज्यादा कानून पास हुए। इसी संसद में मुस्लिम बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी पाटी पर चल गई थी। इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया।
  •  आज भारत नई चेतना और नई ऊर्जा के साथ जाग उठा है- मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से कहा था- यही समय है, सही समय है। एक के बाद एक घटनाओं पर नजर डालें तो हर एक घटना इस बात की गवाह है कि आज भारत एक नई चेतना के साथ जाग उठा है। भारत एक नई ऊर्जा से भर गया है। यही चेतना और ऊर्जा करोड़ों लोगों के सपनों को संकल्प में बदल सकती है और उन संकल्पों को हकीकत में बदल सकती है।
  • छोटे-छोटे मुद्दों में उलझने का समय खत्म, आत्मनिर्भर बनना होगा- हमारे लिए छोटे-छोटे मुद्दों में उलझने का समय खत्म हो गया है। सबसे पहले, हमें आत्मनिर्भर भारत बनने का लक्ष्य पूरा करना होगा। यह समय की मांग है, यह हर किसी का कर्तव्य है। पार्टियां इसके आड़े नहीं आतीं। सिर्फ दिल चाहिए, देश के लिए चाहिए।

सेंट्रल हॉल में मंच पर बाएं से लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खड़गे।

  •  छोटे कैनवास पर बड़ा चित्र नहीं बना सकते, इसे बड़ा करना होगा- मोदी ने कहा- जैसे छोटे कैनवास पर बड़ा चित्र नहीं बन सकता, वैसे हम भी अगर अपने सोचने के कैनवास को बड़ा नहीं करेंगे तो भव्य भारत का चित्र अंकित नहीं कर पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल के 25 वर्षों में भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा।
  •  दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा-मोदी ने कहा- आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा।

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  •  दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है- मोदी ने कहा- हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है। एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि ‘मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा।’ हमने पांच साल में देखा कि दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है।
  •  G20 समिट में नालंदा यूनिवर्सिटी की तस्वीर रखने की कहानी बताई- मोदी ने कहा- हमारे विश्वविद्यालय दुनिया के अंदर टॉप रैंकिंग में आए, अब हमें इसमें पीछे नहीं रहना है। अभी जब G20 में विश्व के मेहमान आए मैंने वहां नालंदा की तस्वीर रखी थी, जब मैं दुनिया के नेताओं को कहता था कि 1500 साल पहले मेरे देश में उत्तम से उत्तम विश्वविद्यालय हुआ करती थी तो वे सुनते ही रह जाते थे।
  •  पुरानी बिल्डिंग को संविधान सदन कहें, यह हमें प्रेरणा देता रहेगा- मोदी ने कहा- मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमती हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए।

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