‘असली मालिकों को वापस मिलें सामान’
ऑपरेशन अमानत के माध्यम से, आरपीएफ सक्रिय रूप से ऐसे खोए हुए सामान का पता लगाता है और यह सुनिश्चित करता है कि अवे अपने असली मालिकों को वापस मिल जाएं।’
क्या है ऑपरेशन अमानत?
यात्रियों को मिला फायदा
खोए हुए बैग को वापस पाने के सबसे बड़े मामलों में से एक, जो 16 फरवरी, 2025 को हुआ था, सब-इंस्पेक्टर योगेश कुमार जानी ने कांस्टेबल हनुमान प्रसाद चौधरी के साथ ट्रेन नंबर 12479 सूर्यनगरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में कोच बी4 की सीट नंबर 15 के नीचे एक मेहंदी रंग का बैग पाया, जब वे बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर चेकिंग कर रहे थे।बैग को आरपीएफ पोस्ट लाया गया। बैग की जांच-पड़ताल करने पर, उसमें एक मोबाइल फोन, कपड़े और कीमती आभूषणों से भरा एक पॉलीथीन बैग मिला।
जानें यात्रियों का अनुभव
उसी दिन, एक व्यक्ति अपने खोए हुए बैग की तलाश में बांद्रा स्टेशन पर रेलवे कार्यालय पहुंचा। उसने बताया कि वह अपने दो छोटे बच्चों और अन्य सामान के साथ ट्रेन से जोधपुर से बांद्रा टर्मिनस आया था।उसने कहा कि उसने अपना एक बैग कोच बी4 (सीट नंबर 15, 24) में छोड़ दिया था। फिर उसने 139 पर कॉल किया। यात्री ने अपना बैग पहचाना, जिसे उसके सामने खोला गया और चेक किया गया। बरामद सामान की कुल कीमत 15,83,000 रुपये थी। बैग और सभी सामान सुरक्षित रूप से उसे सौंप दिया गया। यात्री ने आरपीएफ बांद्रा टर्मिनस और हेल्पलाइन के काम की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया।