क्या होता है वर्चुअल क्रेडिट कार्ड?
वर्चुअल क्रेडिट कार्ड फिजिकल क्रेडिट कार्ड की तरह ही होता है। इस कार्ड को मुख्य तौर पर ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह कार्ड बैंक द्वारा जारी किया जाता है। बता दें कि यह कार्ड आपके फिजिकल क्रेडिट कार्ड अकाउंट से लिंक होता है। इस कार्ड में अस्थायी नंबर होता है। इस नंबर के जरिये ही आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग आदि कर सकते हैं। यह कार्ड आपकी शॉपिंग और कार्ड डिटेल्स को एक लेयर पर सिक्योरिटी देता है।
वर्चुअल क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए यूजर के पास बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है। यह कार्ड बैंक जारी करता है, ऐसे में हर बैंक में इनके फीचर और सर्विस भी अलग होती है। अगर आप वर्चुअल क्रेडिट कार्ड पाना चाहते हैं तो आसानी से बैंक के पोर्टल या औप पर जाकर जनरेट कर सकते हैं।
कैसे काम करता है वर्चुअल क्रेडिट कार्ड
वर्चुअल क्रेडिट कार्ड एडवांस सिक्योरिटी फीचर्स के साथ आते हैं। आप जैसे ही इस कार्ड को जनरेट करेंगे आपको फिजिकल क्रेडिट कार्ड की तरह यूनिक कार्ड नंबर, सीवीवी (CVV) और एक्सपायरी डेट जैसी डिटेल्स मिलेगी। इस कार्ड का नंबर अस्थायी होता है। आमतौर पर यह नंबर सिंग्ल पेमेंट या फिर 24 से 48 घंटे तक वैलिड रहता है।
वर्चुअल कार्ड के फायदे
- इस कार्ड की एडवांस सिक्योरिटी फीचर होने के कारण इसमें धोखाधड़ी का रिस्क काफी कम रहता है।
- अगर आप ऑनलाइन पेमेंट को निर्धारित करना चाहते हैं तो यह कार्ड काफी मददगार साबित होगा। इससे आप खर्चों को एकहद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
- इस कार्ड में ऑनलाइन शॉपिंग करते समय आप कार्ड डिटेल्स को तुरंत जनरेट करके आसानी से पेमेंट कर सकते हैं।
वर्चुअल कार्ड के नुकसान
- इस कार्ड के जरिये आप कुछ ही सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कार्ड ऑनलाइन शॉपिंग करते सम पेमेंट के लिए बना है। इस कार्ड के माध्यम से आप इन-स्टोर खरीदारी या बाकी सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।इसकी वैलिडिटी काफी कम रहती है।
- ऐसे में आपको बार-बार कार्ड डिटेल्स जनरेट करने की जरूरत पड़ सकती है। इस कार्ड का नुकसान एक यह भी है कि यह सभी ऑनलाइन मर्चेंट्स इस कार्ड की पेमेंट के एक्सेप्ट नहीं करते हैं। ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको दिक्कत हो सकती है।