गेमिंग KYC-केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए प्रस्तावित नियमों का ड्राफ्ट सोमवार को सार्वजनिक किया। गेमिंग कंपनियों के लिए स्व-नियामक तंत्र और खिलाड़ियों के अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव है। कंपनियों को एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो ऑनलाइन गेमिंग मध्यस्थ का कर्मचारी होगा और भारत का ही निवासी होगा। मसौदे पर 17 जनवरी तक राय मांगी गई है।
अभी गेमिंग कंपनियों के लिए वही नियम लागू किए जा रहे हैं, जो 2021 में सोशल मीडिया कंपनियों पर लागू हुए थे। आईटी मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारतीय कानूनों का अनुपालन जरूरी करने के साथ ही कहा है कि जुआ या सट्टेबाजी से संबंधित हर कानून इन पर भी लागू होगा। ऑनलाइन गेम जो भारतीय कानून के अनुरूप न हों, उनको कंपनियां न तो होस्ट करेंगी, न प्रदर्शित करेंगी, न अपलोड करेंगी और न ही प्रकाशित या प्रसारित करेंगी।
बच्चों के सुरक्षा के हों इंतजाम
ड्राफ्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि कंपनियों को बच्चों (18 साल से कम उम्र वालों के लिए) की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने चाहिए। उनके लिए माता-पिता की सहमति और उम्र का ध्यान रखा जाना चाहिए।खेल में शामिल होने वालों को जमा राशि की निकासी या रिफंड, जीती रकम मिलने और अन्य शुल्क के बारे में सूचना देनी होगी।
जीती रकम मिलने और अन्य शुल्क की देनी होगी जानकारी
खेल में शामिल होने वालों को जमा राशि की निकासी या रिफंड, जीती रकम मिलने और अन्य शुल्क के बारे में सूचना देनी होगी। इसके अलावा कंपनी को एक टीम बनाकर इसका रजिस्ट्रेशन मंत्रालय में कराना होगा। यह टीम शिकायतों का निपटारा करेगा। टीम में ऑनलाइन गेमिंग, सार्वजनिक नीति, आईटी, मनोविज्ञान, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों के पांच सदस्यों का निदेशक बोर्ड होगा।
फरवरी तक तैयार हो जाएंगे नए नियम
आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि ऑनलाइन गेमिंग नियम फरवरी की शुरुआत में तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा,नियम का मकसद ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को बढ़ावा देना और इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित करना है।
तेलंगाना पहला राज्य, जिसने ऑनलाइन गेमिंग पर कानून बनाया
तेलंगाना देश का पहला राज्य है, जहां 2017 में ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू किया गया है। वहां भी पुराने नियम में संशोधन कर सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन गेमिंग में जुआ खेलते पाया जाता है तो उसे 3 माह का कारावास, 5000 जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।
ऑनलाइन जुएं का किसी भी तरह का विज्ञापन या ऑनलाइन गेम का विज्ञापन करने पर जिम्मेदार व्यक्ति को ऐसी धाराओं में गिरफ्तार किया जाएगा, जिसमें एक साल कैद, 5 लाख का जुर्माना या दोनों सजाएं होंगी। ऑनलाइन जुआ खिलाने वाला, पैसे या प्रॉपर्टी को ऑनलाइन गेम में दांव पर लगाने का खेल जो भी खिलवाता हुआ पकड़ा जाएगा, उसे 3 साल की कैद,10 लाख रुपए का जुर्माना या दोनों सजा देने का नियम है।