महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में आई गिरावट

इस बीच जिस बाजार में प्याज की आवक बढ़ी है, ऐसी तस्वीर देखने को मिल रही है कि उस बाजार में प्याज की कीमत कम मिल रही है. वहीं जिन बाजारों में प्याज की आवक कम हो गई है, वहां प्याज की कीमत में बढ़ोतरी देखी जा रही है. कीमत की गणना प्याज की गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है. इस बीच सरकार देश में महंगाई रोकने की कोशिश कर रही है. इसके लिए सरकार आयात निर्यात नीति में लगातार बदलाव कर रही है. प्याज की बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध  लगा दिया है. इससे प्याज की कीमत गिर रही है. इस बीच, 31 मार्च के बाद प्याज पर निर्यात प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। इसलिए 31 मार्च के बाद प्याज की कीमत में बढ़ोतरी की संभावना है. 

किस बाजार में प्याज की कितनी कीमत? 

नागपुर के कामठी मंडई में प्याज की आवक कम रही. इसलिए वहां प्याज की कीमत 25 रुपये प्रति किलो है. कोल्हापुर के पेठ वडगांव मंडई में भी प्याज की आवक कम रही, जिसके कारण प्याज 35 रुपये प्रति किलो की दर से बिका. देखा गया कि सोलापुर के बाजार में प्याज का भारी उत्पादन हुआ. इसीलिए वहां प्याज को कम से कम 1 रुपये से 11 रुपये प्रति किलो का भाव मिला है. येवला बाजार समिति में प्याज को 3 रुपये से 15 रुपये प्रति किलो का भाव मिला है. पुणे बाजार समिति में प्याज को 6 रुपये से 12 रुपये प्रति किलो का भाव मिला है. पारनेर बाजार समिति में प्याज को 3 से 17 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है. 

प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार की क्या योजना है?

इस बीच सरकार 31 मार्च 2024 के बाद प्याज पर से निर्यात प्रतिबंध हटा देगी. इसलिए 31 मार्च के बाद प्याज की कीमत में बढ़ोतरी संभव है. इसी पृष्ठभूमि में सरकार ने दरें न बढ़ें इसके लिए योजना बनाई है. 2023-24 में प्याज का उत्पादन घटने का अनुमान है। इसलिए सरकार प्याज का बफर स्टॉक बनाने जा रही है. हालांकि प्याज की कीमतें फिलहाल नियंत्रण में हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने भविष्य के लिए अभी से योजना बनाना शुरू कर दिया है. सरकार प्याज की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी पर काबू पाने की कोशिश कर रही है.

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