सोनीपत के सुमित का सफर कठिनाइयों भरा रहा है। 6 साल पहले हुए सड़क हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी सुमित ने जिंदगी से कभी हार नहीं मानी और बुलंद हौसले से हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया। पैरालिंपिक 2020 में जेवलिन थ्रो में भारत का यह तीसरा मेडल है।
भारत ने पैरालिंपिक गेम्स में अब तक 2 गोल्ड, 4 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज समेत 7 मेडल जीते हैं। यह भारत का अब तक का सबसे सफल पैरालिंपिक बन गया है। इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक और 1984 ओलिंपिक में भारत ने 4-4 मेडल जीते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी एथलीट्स को बधाई भी दी है।
सुमित ने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ डाला
सुमित ने पैरालिंपिक में अपने ही वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा है। उन्होंने पहले प्रयास में 66.95 मीटर का थ्रो किया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। इसके बाद दूसरे थ्रो में उन्होंने 68.08 मीटर दूर भाला फेंका। सुमित ने अपने प्रदर्शन में और सुधार किया और 5वें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया, जो कि नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। उनका तीसरा और चौथा थ्रो 65.27 मीटर और 66.71 मीटर का रहा था। जबकि छठा थ्रो फाउल रहा।
सोमवार को भारत ने 5 मेडल जीते
टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सोमवार का दिन शानदार रहा। सुंमित से पहले अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता। 19 साल की इस शूटर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया। वहीं देवेंद्र झाझरिया ने जेवलिन और योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल दिलाया। इसके अलावा सुंदर सिंह गुर्जर ने जेवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता।