नई दिल्ली- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र सरकार के उप-सचिव और इससे ऊपर के स्तर के सभी अधिकारी ऐसे इलेक्ट्रानिक उपकरणों के पात्र होंगे। उपकरण की कीमत एक लाख रुपये और कर हो सकती हैl ऐसे उपकरण जिनमें 40 प्रतिशत से अधिक मेक इन इंडिया कलपुर्जों का उपयोग हुआ है उनके मामले में यह सीमा 1.30 लाख रुपये और कर होगी केंद्र सरकार के अधिकारी 1.3 लाख रुपये तक की कीमत के मोबाइल, लैपटाप, टैबलेट, फैबलेट, नोटबुक, नोटपैड, अल्ट्रा-बुक, नेट-बुक या अन्य उपकरण के पात्र होंगे। यही नहीं वे चार साल बाद इन उपकरणों को निजी उपयोग के लिए अपने पास रख सकेंगे।
क्या है वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों में ?
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार के उप-सचिव और इससे ऊपर के स्तर के सभी अधिकारी ऐसे इलेक्ट्रानिक उपकरणों के पात्र होंगे। उपकरण की कीमत एक लाख रुपये और कर हो सकती है। हालांकि ऐसे उपकरण जिनमें 40 प्रतिशत से अधिक मेक इन इंडिया कलपुर्जों का उपयोग हुआ है, उनके मामले में यह सीमा 1.30 लाख रुपये और कर होगी।
उपकरण को कितने समय तक अपने पास रख सकता है अधिकारी ?
इसमें कहा गया है, ‘यदि किसी मंत्रालय/विभाग में अधिकारी को पहले से ही एक उपकरण आवंटित है, तो उसे चार साल तक नया उपकरण जारी नहीं किया जा सकता। हालांकि, उपकरण के किफायती रूप से मरम्मत के योग्य नहीं रहने पर ‘अपवाद’ होगा। इसमें कहा गया है कि अधिकारी चार साल के बाद इस उपकरण को अपने पास रख सकता है।
27 मार्च, 2020 को जारी आदेश हट जाएगा
कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ”संबंधित मंत्रालय/विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपकरण को अधिकारी को रखने के लिए सौंपने से पहले इसमें से पूरा डेटा साफ कर दिया गया है। 21 जुलाई, 2023 के इस कार्यालय ज्ञापन के बाद 27 मार्च, 2020 को जारी आदेश हट जाएगा। इसमें ऐसे उपकरणों की कीमत 80 हजार रुपये तय की गई थी और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपकरणों को रखने का कोई प्रावधान नहीं था।