मुंबई-भारतीय टैक्सपेयर्स अब UPI के जरिए 5 लाख रुपए तक का टैक्स पेमेंट कर पाएंगे। अब तक यह लिमिट 1 लाख रुपए थी। 16 सितंबर से नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में यह सुविधा शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए 24 अगस्त को सर्कुलर जारी किया था।इससे पहले 8 दिसंबर 2023 को रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में सरकार हॉस्पिटल्स और शैक्षणिक संस्थानों में UPI से पेमेंट की लिमिट को रोजाना 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया था।
IPO सब्सक्रिप्शन के लिए UPI लिमिट ₹5 लाख
दो साल पहले RBI ने IPO सब्सक्रिप्शन और रिटेल डायरेक्ट स्कीम के लिए UPI पेमेंट की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया था। अब इस लिमिट को हॉस्पिटल और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और टैक्स पेमेंट करने के लिए बढ़ाया गया है।
अगस्त में रिकॉर्ड 1,496 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन हुए
अगस्त में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए 1,496 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान टोटल 20.61 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। पिछले साल अगस्त के मुकाबले ट्रांजैक्शन की संख्या में 41% की बढ़ोतरी हुई है। अगस्त 2023 में UPI के जरिए 1,059 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे और इसके जरिए 15.77 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई थी। एक साल में यह अमाउंट करीब 31% बढ़ा है। अगस्त 2024 में डेली एवरेज ट्रांजैक्शन की बात करें को यह 48 करोड़ 30 लाख रहा और रोजाना औसतन 66,475 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई।
UPI को NCPI ऑपरेट करता है
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।
UPI कैसे काम करता है?
UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है।