Sunday, November 24, 2024

यूजीसी ने जारी की गाइडलाइंस,अब ग्रेजुएशन में स्टूडेंट्स पढ़ेंगे पर्यावरण शिक्षा का पाठ

UGC- स्नातक पाठ्यक्रमों में पर्यावरण शिक्षा को शामिल करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अब ग्रेजुएशन में स्टूडेंट्स इसकी पढ़ाई करेंगे. इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से गाइडलाइंस जारी कर दी गई है. शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने विश्व पर्यावरण दिवस पर एक कार्यक्रम में इसका अनावरण किया.

एक आधिकारिक सूचना के माध्यम से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी स्नातक कार्यक्रमों में इस पाठ्यक्रम को शामिल करने का निर्देश दिया है. पर्यावरण शिक्षा पाठ्यक्रम की बहु-विषयक प्रकृति को देखते हुए उच्च शिक्षा संस्थान टीम-शिक्षण पद्धति का उपयोग चुन सकते हैं. यूजीसी ने पर्यावरण के प्रति स्टूडेंट्स को जागरूक करने के उद्देश्य से इसे स्नातक कार्यक्रमों में शामिल किया है.

SWAYAM प्लेटफॉर्म ऑनलाइन संसाधनों (जैसे वीडियो और ई-सामग्री) की पेशकश भी करता है, जिसका उपयोग उच्च शिक्षण संस्थान कर सकते हैं. कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि देश भर में विश्व पर्यावरण दिवस की स्मृति में लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट के संदेश को फैलाने के साथ-साथ स्कूल जाने वाले बच्चों और अन्य लोगों को भी इसके बारे में जागरूक होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सीखने के परिणाम-आधारित पाठ्यक्रम और दिशा निर्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार हैं, जो पर्यावरण शिक्षा को कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाने के महत्व पर जोर देती है. पाठ्यक्रम पर्यावरण जागरूकता और इसके संरक्षण और सतत विकास के प्रति संवेदनशीलता को भी प्रोत्साहित करता है.

जारी गाइडलाइंस के अनुसार पर्यावरण शिक्षा में जलवायु परिवर्तन, स्वच्छता, जैविक विविधता संरक्षण, प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन, जैविक संसाधन और जैव विविधता प्रबंधन, वन और वन्यजीव संरक्षण और सतत विकास जैसे टॉपिक्स को पढ़ाया जाएगा.

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