अब एक्सपायरी स्टीकर्स के साथ आएंगे फोन और लैपटॉप, होंगी इतनी जानकारी

नई दिल्ली- यूरोपियन यूनियन (EU) के उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। अब जो भी स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस EU में बेचे जाएंगे, उन पर एक खास स्टिकर लगाया जाएगा जिसका नाम EPREL स्टिकर होगा। इस स्टिकर में डिवाइस की बैटरी और एनर्जी एफिशिएंसी से जुड़ी पूरी जानकारी दी जाएगी। यह नियम 20 जून 2025 से लागू होगा, वैसे आपको बता दें कि इस तरह के स्टीकर्स या लेबलिंग को लेकर भारत सरकार की कोई प्लानिंग नहीं है।

EPREL स्टिकर क्या है?

EPREL का पूरा नाम है- यूरोपियन प्रोडक्ट रजिस्ट्री फॉर एनर्जी लेबलिंग है। इस स्टिकर को हम आम भाषा में एनर्जी लेबल भी कह सकते हैं। यह स्टिकर उपभोक्ताओं को यह तय करने में मदद करेगा कि कौन सा प्रोडक्ट ज्यादा टिकाऊ और ऊर्जा दक्ष है। इस लेबल में आपको निम्नलिखित जानकारियां देखने को मिलेंगी:
  • डिवाइस की एनर्जी क्लास।
  • बैटरी की लाइफ और एंड्योरेंस।
  • डस्ट और वॉटर रेसिस्टेंस रेटिंग।
  • ड्रॉप रेसिस्टेंस (गिरने पर डिवाइस कितनी सुरक्षित है)।
  • डिवाइस की मरम्मत स्कोरिंग (Repairability Score)।

किन डिवाइस पर लागू होगा यह नियम?

  • यह नियम स्मार्टफोन, फीचर फोन, टैबलेट और कुछ अन्य वायरलेस डिवाइसेज पर लागू होगा।
  • सभी स्मार्टफोन (चाहे वो सेलुलर नेटवर्क पर हों या सैटेलाइट नेटवर्क पर)।
  • इंटरनेट और थर्ड पार्टी एप्लिकेशन के बिना वाले फीचर फोन।
  • 7 इंच से 17.4 इंच स्क्रीन साइज वाले टैबलेट।
  • लैंडलाइन नेटवर्क से जुड़ने वाले वायरलेस फोन।

नया नियम क्यों जरूरी है?

यूरोपियन यूनियन ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि ग्राहक टिकाऊ और एनर्जी एफिशिएंट प्रोडक्ट खरीद सकें। साथ ही यह नियम कंपनियों को भी मजबूर करेगा कि वे अपने प्रोडक्ट्स में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखें। EPREL स्टिकर के अलावा EU ने कुछ Eco-Design नियम भी तय किए हैं जिसमें बैटरियों को कम से कम 800 चार्ज-डिस्चार्ज साइकल के बाद भी 80% क्षमता बनाए रखनी होगी, डिवाइस को गिरने, खरोंच, धूल और पानी से पर्याप्त सुरक्षा मिलनी चाहिए, कंपनियों को 7 साल तक स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराने होंगे, ऑपरेटिंग सिस्टम के अपडेट कम से कम 5 साल तक मिलते रहेंगे, प्रोफेशनल रिपेयरर्स के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर या फर्मवेयर की फेयर एक्सेस अनिवार्य होगी, जैसे प्रावधान हैं।

इससे क्या फायदा होगा?

EU का दावा है कि इस नियम से साल 2030 तक लगभग 14 टेरावाट घंटे ऊर्जा बचाई जा सकेगी और रिसाइकलिंग के जरिए कच्चे संसाधनों का भी बेहतर उपयोग होगा। यूरोपीय संघ  में बिकने वाले स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर अब एक EPREL स्टिकर अनिवार्य रूप से लगाना होगा, जिसमें उस डिवाइस की बैटरी लाइफ और ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency) की पूरी जानकारी दी जाएगी।

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