नई दिल्ली – नवंबर का महीना देश ही नहीं दुनिया के लिये भी काफी महत्वपूर्ण है। नवंबर में एक तरफ जहां देश में महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होने हैं, वहीं विदेश में अमेरिका समेत कई देशों में भी चुनाव होने हैं। इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण ईवेंट भी नंबर में हैं।
अमेरिका में चुनाव
अमेरिका में आज से ठीक पांच दिन बाद राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होंगे। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच यह मुकाबला काफी रोचक होने वाला है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान पांच नवंबर को होना है, लेकिन भारतीय समयानुसार वोटिंग 6 नवंबर को शाम 4:30 बजे से सुबह 6:30 बजे तक खुली रहेगी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने में कई दिन या सप्ताह भी लग सकते हैं।
श्रीलंका में संसदीय चुनाव
श्रीलंका में 14 नवंबर को होने वाले आगामी संसदीय चुनाव के लिए डाक मतदान बुधवार को देशभर के मतदान केंद्रों पर शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने घोषणा की कि पुलिस स्टेशनों, जिला सचिवालयों और जिला चुनाव कार्यालयों सहित नामित सरकारी संस्थानों में डाक मतदान होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि डाक मतदान 1 और 4 नवंबर को जारी रहेगा। श्रीलंका में डाक मतदान की अनुमति केवल सरकारी कर्मचारियों को ही है।
ब्राजील में जी20 की शुरुआत
इस वर्ष 18 नवंबर से ब्राजील में जी20 सम्मेलन की शुरुआत हो रही है। कैलेंडर के अनुसार, ब्राजील में जी20 के दौरान 130 से अधिक बैठकों और कार्यक्रमों का प्रावधान है। इसका समापन 19 नवंबर 2024 को रियो डी जेनेरियो में आयोजित राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के शिखर सम्मेलन में होगा। जी20 बैठक 15 अलग-अलग शहरों में होगी। पिछले साल भारत ने 2024 में जी20 की मेजबानी के लिए ब्राजील को बी20 की अध्यक्षता सौंपी थी। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में वैश्विक व्यापार समुदाय के साथ बिजनेस-20 शिखर सम्मेलन (B-20 Summit) को संबोधित किया था।
आयरलैंड में चुनाव
आयरलैंड गणराज्य में 29 नवंबर को आम चुनाव होने हैं, बीबीसी के अनुसार, यह तिथि संभावित बताई जा रही है। आम चुनावों के दौरान टीवी और रेडियो स्टेशनों पर लगाए गए प्रसारण स्थगन नियम को समाप्त कर दिया जाएगा और उसके स्थान पर नई आवश्यकताएं लागू की जाएंगी। इससे पहले, इस नियम के तहत टेलीविजन और रेडियो स्टेशनों पर मतदान के एक दिन पहले स्थानीय समयानुसार दोपहर 14:00 बजे से लेकर मतदान केंद्र बंद होने तक मतदान को प्रभावित करने वाली कोई भी सूचना प्रसारित करने पर प्रतिबंध था। प्रसारकों से यह भी कहा गया है कि वे मतदान के समय जनमत सर्वेक्षणों या एक्जिट पोलों पर रिपोर्टिंग न करें।