बेंगलुरु– गैर-मोटर चालित वाहन बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे पर एक अगस्त से दोपहिया वाहन, तीन पहिया, ट्रैक्टर, गैर-मोटर चालित वाहन सहित अन्य धीमी गति से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया। एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं की संख्या में बढोतरी के बीच अधिकारियों ने यह निर्णय लिया।
यात्रियों की सुरक्षा अहम
एनएचएआई ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा निरीक्षण करने के लिए सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था, क्योंकि इस साल मार्च में एक्सप्रेस-वे के खुलने के बाद से यहां पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। जिसकी वजह से यात्रियों की सुरक्षा की चिंता बढ़ गई।
एनएचएआई द्वारा 12 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों की आवाजाही की तुलना में धीमी गति से चलने वाले वाहनों जैसे दो पहिया, तीन पहिया या अन्य धीमी गति से चलने वाले वाहनों की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।
अधिसूचना में क्या कुछ कहा गया?
अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि और यातायात) अधिनियम, 2002 की धारा 35 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश दिया जाता है कि निम्नलिखित श्रेणियों के वाहनों को बैंगलोर-मैसूरु एक्सेस नियंत्रित राजमार्ग (एनएच -275) का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया जाता है।
एनएचएआई ने कहा कि,अधिसूचना एक अगस्त से लागू की जाएगी और ऐसे वर्गों के वाहनों के लिए आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग और सड़कें उपलब्ध हैं।
कितनी है वाहनों की अधिकतम रफ्तार?
एनएचएआई के अनुसार, इस एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे को हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है और मोटर वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 80 किमी प्रतिघंटा अधिसूचित की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल मार्च में 118 किलोमीटर लम्बे बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे परियोजना का उद्घाटन किया था।