
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सरकार नए वेज कोड (New Wage Code) को 1 जुलाई से लागू करने पर विचार कर रही है. हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. नया वेज कोड लागू होने से पहले कर्मचारियों और कंपनियों का सबसे ज्यादा फोकस काम के घंटों पर है. देश के 23 राज्यों ने केंद्र के लेबर कोड के अनुसार अपने श्रम कानून बना लिए हैं.
इन नियमों में होगा बदलाव
सरकार की तरफ से लेबर कोड से जुड़े कानून को संसद में पास कराया जा चुका है. पिछले दिनों केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने जानकारी देते हुए बताया था कि चार लेबर कोड को जल्द लागू किया जाएगा. इसके लागू होने के बाद सैलरी, ऑफिस टाइमिंग से लेकर PF रिटायरमेंट तक के नियमों में बदलाव हो जाएगा. सरकार के अनुमान के मुताबिक, देश में असंगठित क्षेत्र के करीब 38 करोड़ कामगार हैं. आइए जानते हैं नया वेज कोड लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?
वर्किंग ऑवर
नए वेज कोड में कामकाज (Working Hour) के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रस्ताव है. इसे हफ्ते के हिसाब से 4-3 के अनुपात में बांटा गया है. यानी 4 दिन ऑफिस, 3 दिन वीक ऑफ. कर्मचारी को हर 5 घंटे के बाद 30 मिनट का ब्रेक देने का प्रस्ताव है.
30 मिनट से ज्यादा काम पर ओवरटाइम
न्यू वेज कोड में 15 से 30 मिनट के अतिरिक्त काम को 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रस्ताव है. फिलहाल के नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम नहीं माना गया है.
बदल जाएगा सैलरी स्ट्रक्चर
नए वेज कोड एक्ट (Wage Code Act) के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 प्रतिशत से कम नहीं हो सकती है. वेज कोड लागू होने के बाद कर्मचारियों की टेक होम सैलरी (Take Home Salary) घट जाएगी.
रिटायरमेंट पर मिलेगी ज्यादा रकम
पीएफ बढ़ने से ग्रेच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा. यानी टेक होम सैलरी घटने का फायदा पीएफ और रिटायरमेंट पर मिलेगा. सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे.



