नई दिल्ली- अब आधार वेरिफिकेशन उतना ही आसान हो जाएगा जितना कि UPI पेमेंट करना। नए आधार ऐप में फेस आईडी के साथ-साथ QR कोड वेरिफिकेशन की सुविधा भी दी गई है, जिससे वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा तेज और आसान होगी। अब आधार कार्ड साथ ले जाने या उसकी फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं है। सरकार ने एक नया आधार मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिससे लोगों को अपनी पहचान दिखाने के लिए बस मोबाइल की जरूरत होगी।
इस ऐप को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लॉन्च कर दिया है।जिस तरह दुकानों या पेमेंट काउंटर्स पर UPI QR कोड लगे होते हैं, उसी तरह अब पॉइंट्स ऑफ ऑथेंटिकेशन पर आधार वेरिफिकेशन QR कोड भी नजर आएंगे। लोग बस अपना नया आधार ऐप खोलकर QR कोड स्कैन करेंगे और तुरंत फेस वेरिफिकेशन के साथ पहचान वैरिफाई हो जाएगी। इसमें आपकी जानकारी सीधा आपके मोबाइल से शेयर होगी, न कि किसी फोटोकॉपी से।इस नए आधार ऐप में फेस आईडी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया गया है, जिससे पहचान की वैरिफाई करना और भी आसान हो गया है। अब यूज़र सिर्फ एक QR कोड स्कैन करके या ऐप की मदद से आधार वेरिफिकेशन कर सकेंगे। इसमें आपकी जानकारी सिर्फ आपकी मंजूरी से ही शेयर होगी, जिससे आपकी प्राइवेसी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी।
चेहरा करेगा पहचान वेरिफाई
यह नई ऐप आपके चेहरे को स्कैन कर आपकी पहचान सत्यापित कर पाएगी। इस बारे में आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने X पर पोस्ट कर जानकारी दी कि आधार वेरिफिकेशन को तेज, आसान और सुरक्षित बनाने के लिए यह ऐप लॉन्च किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इससे यूजर को अपनी निजी जानकारी पर पूरा कंट्रोल मिलेगा। एक टैप के साथ यूजर अपनी जरूरी जानकारी शेयर पाएगा।
UPI की तरह करेगा काम
यह ऐप कुछ-कुछ उन्हीं सिद्धांतों पर काम करेगी जिन पर UPI ऐप्स काम करती हैं। यानी कि अब आपको अपने आधार वेरिफिकेशन के लिए सिर्फ एक QR कोड स्कैन करना होगा। यूजर अपने फोन से अपना चेहरा स्कैन करके अपनी पहचान को वेरिफाई कर पाएगा। इतना ही नहीं इस ऐप की वजह से जहां अब आपको अपना कार्ड हर वक्त अपने साथ रखने की जरूरत नहीं होगी, तो वहीं अपनी निजी जानकारी पर आपका पूरा कंट्रोल रहेगा। आप अपनी पहचान से संबंधित जितनी जानकारी शेयर करना चाहेंगे सिर्फ उतनी ही जानकारी शेयर करने का ऑप्शन ऐप में मिलेगा। इससे यूजर की प्राइवेसी और सुरक्षित हो सकेगी।
डेटा सुरक्षा की चिंता होगी कम
आधार के अस्तित्व में आने के बाद से ही यूजर्स के डेटा की सिक्योरिटी पर बार-बार सवाल उठाया जाता रहा है। अभी हाल ही में चैट जीपीटी द्वारा लोगों के आधार कार्ड की फोटो जेनरेट करने पर एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए थे कि आखिर चैट जीपीटी को वह डेटा कैसे मिला जिसकी मदद से वह नकली आधार कार्ड बना पा रहा है। इस ऐप के आने के बाद यूजर यह कंट्रोल कर सकेगा कि कौन सी जानकारी शेयर की जाए और कौन सी नहीं। इससे लोगों की जानकारी की सुरक्षा को लेकर होने वाली चिंता कम हो सकेगी।