यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी UIDAI ने आधार कार्ड को डिजिटल तरीके से मैनेज करने के लिए नया मोबाइल एप लॉन्च किया है।इस एप के जरिए अब आप अपना आधार हमेशा फोन में कैरी कर सकेंगे। पुराने एम-आधार एप से अलग, इसने वेरिफिकेशन को UPI पेमेंट जितना आसान बना दिया है।इसके जरिए एक ही फोन में आप 5 आधार प्रोफाइल स्टोर कर सकते हैं। यह एप एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध है।
आधार के नए एप के फीचर्स
- फोन में आधार कैरी करें: ई-आधार हमेशा साथ रहेगा, पेपर कॉपी की जरूरत नहीं होगी।
- फेस स्कैन शेयरिंग: ID शेयर करने के लिए फेस स्कैन करना होगा, पिन-OTP की तरह सेफ।
- सिक्योर लॉगिन: बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से एप ओपन होगा।
- मल्टी लैंग्वेज सपोर्ट: हिंदी, इंग्लिश सहित कई भाषाओं में अवेलेबल।
- ऑफलाइन यूज: इंटरनेट नहीं होने पर भी आधार देख सकेंगे।
पुराना आधार एप पहले से था, फिर नया क्यों लाया गया?
अभी तक एम-आधार एप का इस्तेमाल होता था। ये डिटेल्स चेक करने, डिजिटल आधार कार्ड डाउनलोड करने और PVC कार्ड मंगाने पर फोकस करता था। वहीं नए एप में यूजर्स अपनी आधार की जानकारी को सेफ रखकर स्कैन कर शेयर कर पाएंगे।
- PDF डाउनलोड या PVC कार्ड के लिए अभी भी mAadhaar यूज करें।
- वर्चुअल ID जेनरेट या कुछ अपडेट्स के लिए UIDAI पोर्टल या mAadhaar ही बेहतर।
- नया एप प्राइवेसी-फर्स्ट है, जहां सिलेक्टिव डिस्क्लोजर से सिर्फ जरूरी इंफो शेयर होती है।
नए एप से यूजर्स को क्या फायदा मिलेगा?
- होटल चेक-इन, SIM एक्टिवेशन या बैंक KYC तेज होगी।
- फैमिली मैनेजमेंट आसान, एक फोन पर सबके डिटेल्स।
- सिलेक्टिव शेयरिंग से पर्सनल डेटा एक्सपोज नहीं होगा।
2009 में शुरू हुआ था आधार
आधार 2009 में शुरू हुआ था। अब 1.3 अरब यानी 130 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार हैं। पहले पेपर कार्ड था, फिर mAadhaar एप आया। अब डिजिटल इंडिया के तहत फुली डिजिटल एप लाया गया है। सरकार की कोशिश है कि हर सर्विस ऑनलाइन हो जाए।




