विदर्भ सहित महाराष्ट्र के विकास को लगेंगे पंख

नागपुर: महाराष्ट्र अब हाईवे और एक्सप्रेसवे के जरिए विकास की नई गाथा लिखने जा रहा है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से कुल 21 एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इनकी लंबाई लगभग 5629 किलोमीटर होगी। इसमें से कई परियोजनाएं चालू हैं, कुछ निर्माणाधीन हैं और कुछ मंजूरी व भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में हैं। सभी एक्सप्रेसवे बनने के बाद राज्य के सभी जिले एक्सप्रेस-वे से जुड़ जायेंगे।
इससे जहाँ एक तरफ यातायात का समय में भारी कमी आएगी वहीं दूसरी तरफ विकास के नए पंख खिलेंगे।”महारष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी हिस्सों को जोड़ने के लिए सुपरएक्सप्रेस-वे का खाका तैयार किया है। जिसमें राज्य के सभी प्रमुख जिलों को जोड़ने की रूप रेखा बताई है। इसके तहत राज्य सरकार आगामी दिनों राज्य के अंदर 19 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगी। कई को जहां राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। रो कइयों के लिए भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से किया जा रहा है। वहीं कईयों के प्रस्ताव बनकर राज्य सरकार के पास लंबित है।
राज्य  में जो एक्सप्रेस वे बनने वाले हैं। उसमें सबसे अहम है मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग, जो पहले से ही चालू हैं और राज्य की रफ्तार बढ़ा रहे हैं। वहीं, जालना-नांदेड, दिल्ली-मुंबई (महाराष्ट्र सेक्शन), पुणे आउटर रिंग रोड, नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

विदर्भ में सरकार का खास फोकस:

राज्य सरकार ने उपराजधानी नागपुर सहित विदर्भ के अन्य जिलों को जोड़ने के लिए खास खाका तैयार किया है। इसके तहत उपराजधानी नागपुर से कई एक्सप्रेस-वे शुरू किए जांयेंगे। जो विदर्भ के नया जिलों को उपराजधानी सहित राज्य के अन्य हिस्सों से जोड़े। जिन एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। उनमे,
  • नागपुर-भंडारा-गोंदिया एक्सप्रेसवे (141 किमी): प्रोजेक्ट को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण सहित निर्माण का ठेका जल्द दिया जाएगा। यह प्रोजेक्ट विदर्भ को छत्तीसगढ़ और झारखंड की ओर जोड़कर एक नया औद्योगिक कॉरिडोर तैयार करेगा।
  • नागपुर-चंद्रपुर एक्सप्रेसवे (182 किमी): इस मार्ग का एलाइनमेंट बदला जा रहा है। कोयला और औद्योगिक पट्टी वाले क्षेत्रों के लिए यह लाइफलाइन साबित होगा। इसको लेकर राज्य सहित केंद्रीय परिवहन राजमार्ग मिलकर काम करने वाले हैं।
  • भंडारा-गडचिरोली एक्सप्रेसवे (116 किमी): फाइनेंशियल नेगोशिएशन पूरा हो चुका है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही काम शुरू होगा। गडचिरोली जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र को यह एक्सप्रेसवे नई आर्थिक गतिविधियों से जोड़ेगा।
  • नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे (802 किमी): भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। यह मार्ग नागपुर से सीधा गोवा को जोड़ेगा, जिससे पर्यटन और व्यापार को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
  • नाशिक-जलगांव-नागपुर नॉर्थ महाराष्ट्र एक्सप्रेसवे (645 किमी): प्रस्तावित प्रोजेक्ट, जो नाशिक होते हुए सीधे नागपुर को जोड़ेगा। इससे विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र का कनेक्शन बेहद तेज होगा।

नागपुर सहित राज्य बनेगा लॉजिस्टिक हब 

सभी एक्सप्रेस वे का निर्माण एमएसआरडीसी, एनएचएआई और एमआईएसआरडीसी द्वारा किया किया जाएगा। हालांकि, इन एक्सप्रेसवे निर्माण में कितना खर्च आयेगा इसका आकड़ा सामने नहीं आया है, लेकिन यह तय है इनसभी के बनने से विदर्भ सहित महाराष्ट्र में विकास की गति बेहद तेज होगी।सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से राज्य में न सिर्फ़ औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और रोज़गार के नए अवसर भी खुलेंगे। सरकार का दावा है कि इनसे विदर्भ का कायापलट होगा और नागपुर को देश का ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब बनाने का सपना साकार होगा।

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