मानसून का गर्भकाल होता है नौतपा
सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में आ जाता है। नौतपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है। जिस समय में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होते हैं उस समय चन्द्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं, यही कारण है कि इसे नौतपा कहा जाता है। इस नक्षत्र में सूर्य करीब 15 दिनों तक मौजूद रहेंगे लेकिन शुरुआती 9 दिनों में अधिक गर्मी होती है।
अच्छी बारिश का कारण बनता है नौतपा
कृषि अनुसंधान केंद्र की मौसम वेधशाला के पूर्व मौसम प्रेक्षक आरके शर्मा व सतीश कुमार बताते हैं कि नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं। इसके चलते पृथ्वी पर तापमान बढ़ जाता है। नौतपा के दौरान अधिक गर्मी के चलते मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है। समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं। इससे अच्छी बारिश होने की संभावना बनती है।
पिछले 16 वर्षों में माह मई में हुई वर्षा एमएम में
वर्ष | वर्षा (एमएम) |
---|---|
मई 2010 | 32.4 |
मई 2011 | 101.4 |
मई 2012 | 00.0 |
मई 2013 | 00.0 |
मई 2014 | 20.0 |
मई 2015 | 05.0 |
मई 2016 | 66.0 |
मई 2017 | 23.6 |
मई 2018 | 05.6 |
मई 2019 | 03.0 |
मई 2020 | 28.4 |
मई 2021 | 05.0 |
मई 2022 | 06.0 |
मई 2023 | 131.8 |
मई 2024 | 00.0 |
मई 2025 | 03.6 (20 मई तक) |