
नौसेना ने बताया कि फ्रिगेट आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर लगी आग की घटना में युद्धपोत एक तरफ (बंदरगाह की तरफ) गंभीर रूप से झुक गया।नौसेना ने अपने एक बयान में कहा कि जहाज पर नियमित रखरखाव कार्य करते समय जहाज के कर्मचारियों को आग का पता चला।इसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई। साथ ही नौसेना डाकयार्ड, मुंबई और आसपास की अन्य इकाइयों से अग्निशमन दल को भी इस अभियान में शामिल किया गया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि आग लगने की वजह का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भारतीय नौसेना के जहाज ब्रह्मपुत्र में आग लगने की घटना और इस घटना से हुए नुकसान से अवगत कराया है। आरएमओ ने इसकी जानकारी दी।नौसेना ने बताया कि आग की घटना के बाद दोपहर में जहाज एक तरफ झुकने लगा। तमाम कोशिशों के बावजूद जहाज को सीधा नहीं किया जा सका। जहाज अपने बर्थ के साथ-साथ और भी झुकता चला गया और फिलहाल एक तरफ टिका हुआ है।
इस जहाज़ पर 40 अधिकारियों और 330 नाविकों का दल
एक जूनियर नाविक को छोड़कर सभी कर्मियों का पता लगा लिया गया है। लापता नाविक की तलाश जारी है। बता दें कि आईएनएस ब्रह्मपुत्र स्वदेशी रूप से निर्मित ‘ब्रह्मपुत्र’ श्रेणी का पहला निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट है। इसे अप्रैल 2000 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इस जहाज़ पर 40 अधिकारियों और 330 नाविकों का दल है। जहाज में मध्यम दूरी, नजदीकी दूरी और विमान भेदी तोपें, हवा में मार करने वाली मिसाइलें और टारपीडो लांचर लगे हैं। जहाज में सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टरों को संचालित करने में सक्षम है। आईएनएस ब्रह्मपुत्र 5,300 टन, लंबाई 125 मीटर, चौड़ाई 14.4 मीटर है तथा यह 27 नॉट से अधिक गति से चलने में सक्षम है।



