नई दिल्ली- अब सभी कैदियों और उनसे मिलने वालों को आधार सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा। हिरासत में बंद लोगों की सुरक्षा मजबूत करने के अलावा उन्हें सभी उचित लाभ सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की नई पहल के तहत यह कदम उठाया जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को भेजे गए एक संदेश में कहा है कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और ई-प्रिजन्स टीम ने कैदियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) दस्तावेज तैयार किया है। इसका मकसद कैदियों और उनसे मिलने आने वाले सभी लोगों के आधार को ई-प्रिजन मंच से जोड़ना है। इससे जेल अधिकारियों को सुविधा होगी।
कैदियों की सुरक्षा मजबूत करें जेल अधिकारी
मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जेल अधिकारियों से अनुरोध किया जाता है कि वे कैदियों की सुरक्षा मजबूत करने और साथ ही उन्हें उचित लाभ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उनकी और उनसे मुलाकात करने वालों के आधार सत्यापन की सुविधा का उपयोग करें।
जेल अधिकारी आधार संबंधी प्रासंगिक दिशानिर्देशों का पालन करेंगे
गृह मंत्रालय ने हालांकि कहा कि ऐसा करते समय जेल अधिकारी आधार संबंधी केंद्र सरकार के प्रासंगिक दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। इस साल की शुरुआत में गृह मंत्रालय को कैदियों और उनसे मिलने वाले लोगों के आधार के सत्यापन के लिए अधिकृत किया गया था।
मंत्रालय ने इसके अनुसार छह मार्च और 29 सितंबर को आवश्यक अधिसूचनाएं जारी कीं। इनमें सूचित किया गया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जेल विभागों को कैदियों और उनसे मिलने आने वाले आगंतुकों का आधार सत्यापन करने की अनुमति दी जाती है।