NHAI ने तैयार किये गए प्लान द्वारा नेशनल हाईवे होंगे और टिकाऊ,जिप्सम से बनी सड़कों पर चलेंगी गाड़ियां

नई दिल्ली- नेशनल हाईवे (National Highways) अब और टिकाऊ होंगे. दरअसल, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया नेशनल हाईवे के निर्माण में फास्फोर-जिप्सम  वेस्ट मटेरियल के इस्तेमाल की संभावनाएं तलाश रहा है. फास्फोर-जिप्सम वेस्ट उर्वरक उत्पादन के दौरान निकलता है. एनएचएआई, रसायन और उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers) के तहत आने वाले उर्वरक विभाग के साथ मिलकर इसका परीक्षण करने जा रहा है. संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली इकोनॉमी  को बढ़ावा देने के लिए नेशनल हाईवे के निर्माण में फॉस्फोर-जिप्सम के इस्तेमाल की योजना है.

IRC ने सड़क बनाने के लिए फास्फोरस-जिप्सम वेस्ट मटेरियल को मान्यता दी

एनएचएआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उर्वरक कंपनी ने फॉस्फोर-जिप्सम के इस्तेमाल से एक सड़क बनाई है. सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) ने इसका मूल्यांकन किया था. बयान में आगे कहा गया कि सीआरआरआई की रिपोर्ट के आधार पर इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) ने सड़क बनाने के लिए फास्फोरस-जिप्सम वेस्ट मटेरियल को मान्यता दी है.

नेशनल हाईवे पर फास्फोरस-जिप्सम के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए उर्वरक कंपनी और सीआरआरआई को परीक्षण करने के लिए कहा गया है. एनएचएआई सड़क बनाने में बेकार प्लास्टिक के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दे रहा है, जिसका पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है.

प्लास्टिक कचरे का उपयोग अनिवार्य

सरकार ने नेशनल हाईवे के निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग को लेकर सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बीते 6 फरवरी को राज्यों और केंद्र सरकार की सड़क निर्माण एजेंसियों को गाइडलाइन जारी किए थे. स्टेट्समैन की एक खबर के अनुसार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जनवरी 2017 में उसने ठोस कचरा-प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल सड़क निर्माण में करने का फैसला किया था. इसमें एनएच के निर्माण में 10 फीसदी प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि अब तक कई हजार किलोमीटर हाईवेज के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल किया जा चुका है.

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