Saturday, November 23, 2024
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विदेशी छात्रों के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में होंगी 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें

नई दिल्ली- उच्च शिक्षण संस्थानों के अंतरराष्ट्रीयकरण की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की कोशिश यदि रंग लाई तो आने वाले सालों में देश के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र पढ़ते दिखेंगे।

25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें सृजित करने के निर्देश

इसके तहत यूजीसी ने देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से विदेशी छात्रों को दाखिला देने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें सृजित करने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही विदेशी छात्रों के लिए अपने संस्थानों में विशेष प्रकोष्ठ गठित करने के लिए भी कहा है। जहां विदेशी छात्र दाखिला प्रक्रिया सहित वीजा, फीस आदि से जुड़ी जानकारी सीधे संपर्क कर रहे और जानकारी हासिल कर सकें।

यूजीसी ने पत्र लिखकर दिया निर्देश

यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को यह सलाह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद ही दी थी, जिसमें इस बात की प्रमुखता से सिफारिश की गई है। यूजीसी ने फिलहाल देश के सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को इसी सत्र से यानी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू करने के लिए कहा है।

विदेशी छात्रों को दिया जाएगा दाखिला

यूजीसी के मुताबिक, यह अतिरिक्त सीटें पहले उच्च शिक्षण संस्थानों में पहले सृजित सीटों के अतिरिक्त होगी। जिसमें सिर्फ विदेशी छात्रों को ही दाखिला दिया जाएगा। खास बात यह है कि इन अतिरिक्त सीटों का सृजन अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही कोर्सों के स्तर पर होगा। यूजीसी का मानना है कि विदेशी छात्रों के इस संस्थानों में आने से इनकी गुणवत्ता ठीक होगी। साथ ही वैश्विक स्तर पर पहचान भी मिलेगी।

48 हजार छात्र भारत में कर रहे हैं पढ़ाई

यूजीसी ने इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों से दाखिले से लेकर वीजा, फीस आदि की व्यवस्था में पारदर्शिता रखने की सलाह दी है। मौजूदा समय में वैसे तो दुनिया के करीब 163 देशों के छात्र देश के अलग-अलग उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे है। लेकिन इनकी संख्या सिर्फ 48 हजार ही है। केंद्र सरकार की कोशिश इसे एक नई ऊंचाई देने की है।

शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर स्टडी इन इंडिया नाम से एक कार्यक्रम भी चला रखा है। जिसका फोकस ज्यादा से ज्यादा विदेशी छात्रों को भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों से जोड़ना है। गौरतलब है कि देश में पढ़ाई के अभी जो विदेशी छात्र आते है, उनमें से करीब 28 फीसद छात्र अकेले नेपाल के है। इसके अतिरिक्त अफगानिस्तान के करीब आठ फीसद, बांग्लादेश के करीब छह फीसद, भूटान के करीब चार फीसद और अमेरिका के करीब पांच फीसद होते है।

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