वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी एक बार फिर भारत के अटॉर्नी जनरल बन सकते हैं. 91 साल के वेणुगोपाल अब इस पद पर बने रहने के इच्छुक नहीं हैं
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी एक बार फिर भारत के अटॉर्नी जनरल बन सकते हैं. रोहतगी 2014 से 2017 के बीच भी देश के अटॉर्नी जनरल थे. मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणु गोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा हो रहा है. बताया जा रहा है कि 91 साल के वेणुगोपाल अब इस पद पर बने रहने के इच्छुक नहीं हैं. रोहतगी को लेकर लेकर यह जानकारी सूत्रों के हवाले से आई है. अभी रोहतगी की नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है.
2020 में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद वेणुगोपाल ने सरकार से आग्रह किया था कि उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए. सरकार ने वेणगोपाल से अगले कार्यकाल के लिए काम करने के लिए कहा तो वह दो साल और पद पर बने रहने के लिए राजी हो गए थे. सूत्रों की मानें तो मुकुल रोहती अपना दूसरा कार्यकाल एक अक्टूबर से शुरू करेंगे. वह भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम कर चुके हैं. कहा जाता है कि 2017 में रोहतगी के पद छोड़ने के बाद भी सरकार ने उनसे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने समेत संवेदनशील मुद्दों पर सलाह ली थी.
रोहतगी लड़ चुके हैं ये महत्वपूर्ण केस
पहले कार्यकाल के लिए रोहतगी उस समय अटॉर्नी जनरल नियुक्त किए गए थे जब 2014 में बीजेपी भारी जनादेश के साथ सत्ता में आई थी. मुकुल रोहतगी भारत के सबसे हाई प्रोफाइल वकीलों में से एक हैं. उन्होंने कई अहम केस लड़े हैं, जिनमें गुजरात दंगों का मामला शामिल है. गुजरात दंगा मामले में रोहतगी गुजरात सरकार के वकील थे. उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग से संबंधित केस भी लड़ा. हाल में मुकुल रोहती ने शाहरुख खाने के बेटे आर्यन खान के वकीलों का नेतृत्व किया था. आर्यन खान को क्रूज ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था.